हिमाचल प्रदेश में दिवाली के एक दिन बाद एक खास परंपरा निभाई जाती है। शिमला जिले में इसे पत्थर मेला के नाम से जानते हैं। इस दिन लोगों पर पत्थर फेंका जाता है। बताया जाता है कि राजधानी शिमला से 26 किलोमीटर दूर धामी क्षेत्र के लोगों ने इस मेले को मनायागांव में मेले के दौरान दो टीमें बनाई जाती हैं। जो एक दूसरे पर पत्थर फेंकती हैं। ये ‘पत्थर मेला’ पिछले 300 सालों से हर साल दिवाली के बाद मनाया जाता है। आज भी यह परंपरा निभाई जाती है।
हिमाचल प्रदेश में दिवाली के एक दिन बाद एक खास परंपरा निभाई जाती है। शिमला जिले में इसे पत्थर मेला के नाम से जानते हैं। इस दिन लोगों पर पत्थर फेंका जाता है। बताया जाता है कि राजधानी शिमला से 26 किलोमीटर दूर धामी क्षेत्र के लोगों ने इस मेले को मनायागांव में मेले के दौरान दो टीमें बनाई जाती हैं। जो एक दूसरे पर पत्थर फेंकती हैं। ये ‘पत्थर मेला’ पिछले 300 सालों से हर साल दिवाली के बाद मनाया जाता है। आज भी यह परंपरा निभाई जाती है।