Bihar Politics: बिहार में दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होना है। इससे पहले भाजपा ने दलित वोटों को लुभाने के लिए एक खास रणनीति बनाई है। दरअसल, बिहार में अनुसूचित जाति और महादलित मिलकर लगभग 18% वोट हैं। यह एक महत्वपूर्ण वोट बैंक है जो 100 से ज़्यादा विधानसभा सीटों पर अहम भूमिका निभाता है। इसलिए, भाजपा इस तबके को एकजुट करने के लिए रणनीतिक रूप से काम कर रही है। भाजपा का विशेष ध्यान उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे बिहार के 20 विधानसभा सीटों पर है। पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, भोजपुर, बक्सर और कैमूर ज़िलों की इन विधानसभा सीटों के लिए एक रणनीति बनाई गई है। ये ज़िले उत्तर प्रदेश के देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, गाजीपुर, चंदौली, बलिया और सोनभद्र की सीमा से लगते हैं। इनमें से 15 सीटों पर पहले चरण में मतदान हो चुका है और बाकी पांच सीटों पर दूसरे चरण में मतदान होगा। भाजपा ने लगभग 13% महादलित और लगभग 5% पासवान/दुसाध वोटों को लक्ष्य बनाकर एक रणनीति बनाई है।
Bihar Politics: बिहार में दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होना है। इससे पहले भाजपा ने दलित वोटों को लुभाने के लिए एक खास रणनीति बनाई है। दरअसल, बिहार में अनुसूचित जाति और महादलित मिलकर लगभग 18% वोट हैं। यह एक महत्वपूर्ण वोट बैंक है जो 100 से ज़्यादा विधानसभा सीटों पर अहम भूमिका निभाता है। इसलिए, भाजपा इस तबके को एकजुट करने के लिए रणनीतिक रूप से काम कर रही है। भाजपा का विशेष ध्यान उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे बिहार के 20 विधानसभा सीटों पर है। पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, भोजपुर, बक्सर और कैमूर ज़िलों की इन विधानसभा सीटों के लिए एक रणनीति बनाई गई है। ये ज़िले उत्तर प्रदेश के देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, गाजीपुर, चंदौली, बलिया और सोनभद्र की सीमा से लगते हैं। इनमें से 15 सीटों पर पहले चरण में मतदान हो चुका है और बाकी पांच सीटों पर दूसरे चरण में मतदान होगा। भाजपा ने लगभग 13% महादलित और लगभग 5% पासवान/दुसाध वोटों को लक्ष्य बनाकर एक रणनीति बनाई है।






