उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में लैंडस्लाइड (सांकेतिक तस्वीर)
Pithoragarh NHPC Workers Trapped in Tunnels: उत्तराखंड में एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ है। पिथौरागढ़ में धौलीगंगा बिजली परियोजना की सामान्य और इमरजेंसी सुरंगों में भूस्खलन की वजह से एनएचपीसी के 19 कर्मचारी फंस गए हैं। भूस्खलन के कारण पॉवर हाउस का रास्ता बंद हो गया है।
बता दें कि धारचूला के उप-जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने इस हादसे को लेकर बताया कि भूस्खलन के कारण भारी मलबा जमा हो गया है। मलबा हटाने के लिए मशीनें लगाई गई हैं और शाम तक रास्ता साफ होने की उम्मीद है। इसके बाद सभी कर्मचारी बाहर आ सकेंगे।
उप जिलाअधिकारी का कहना है भूस्खलन से नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर कॉर्पोरेशन (NHPC) के 19 कर्मी पॉवर हाउस में फंसे हुए हैं। भारी बारिश की वजह से भूस्खलन हुआ है। इस वजह से धारचूला के पास ईलागढ़ क्षेत्र में धौलीगंगा बिजली परियोजना की सामान्य और आपातकालीन सुरंगों की तरफ जाने वाला रास्ता बंद हो गया है और मलबा गिर रहा है।
बता दें कि सीमा सड़क संगठन की जेसीबी मशीनों को रास्ता साफ करने के काम में लगाया गया है। धारचूला के उप-जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने आगे बताया कि सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं। यह कर्मचारी बिजली घर का रास्ता खुलने के बाद बाहर आ जाएंगे। विद्युत परियोजना से बिजली उत्पादन का काम सामान्य रूप से चल रहा है। भूस्खलन की घटना धौलीगंगा पॉवर स्टेशन के ठीक मुहाने पर हुई है। डरने या फिर किसी प्रकार के घबराने की बात नहीं है। मलबा हटाने का काम जारी है।
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उन्होंने बताया कि फिलहाल सबकुछ सामान्य रूप से चल रहा है। पिथौरागढ़ की पुलिस अधीक्षक (SP) रेखा यादव ने कहा कि मजदूर फंसे हैं। बड़े-बड़े पत्थरों ने सुरंग के मुहाने को पूरी तरह से बंद कर दिया है। JCB मशीनों को मौके पर लगाया गया है। फंसे हुए मजदूर और कर्मचारी कंपनी और स्थानीय प्रशासन के लगातार संपर्क में बने हुए हैं और उनके पास अंदर खाने-पीने का सामान भी काफी है। किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। बारिश के दिनों में पहाड़ी इलाकों में अक्ल भूस्खलन होता रहता है। इससे पहले जम्मू में भूस्खलन में 50 से अधिक लोग मर गए हैं।