योगी, ओपी राजभर, संजय निषाद, आशीष पटेल (फोटो-नवभारत डिजाइन)
UP Politics: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ उनके मंत्रियों ने बगावत का ऐलान किया है। यह ऐलान दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम से गुरुवार को हुआ। हालांकि भाजपा की तरफ से बगावत की बात को सिरे से खारिज कर दिया गया है। इसके बावजूद भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ NDA में ही एक गुट बन गया है, जो 2027 विधानसभा चुनाव से पहले दबाव की राजनीतिक कर रही है।
दरअसल बीते रोज निषाद पार्टी का 10वां स्थापना दिवस था। स्थापना दिवस का कार्यक्रम दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडयम में आयोजित किया गया। इसमें यूपी की सियासत में मजबूत दखल रखने वाले छोटे-छोटे दलों के चार नेता शामिल हुए, जिसमें सुभासपा प्रमुख व मंत्री ओम प्रकाश राजभर, अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल के पति मंत्री आशीष पटेल व रालोद सांसद चंदन चौहान और संजय निषाद का तो रहना लाजिम ही है, क्योंकि उन्हीं की पार्टी का स्थापना दिवस था।
इस कार्यक्रम में भाजपा का एक भी नेता नहीं दिखाई दिया। जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पिछड़े समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले दल भाजपा से नाराज हैं। यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। इस सम्मेलन ने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हलचल मचा दिया। सम्मेलन पर न केवल सत्ता की बल्कि विपक्षी दलों की भी नजरें थीं। ऐसा कहा जा रहा है कि यूपी में योगी आदित्यनाथ ही पावर सेंटर हैं। इसलिए सरकार के मंत्री अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर कर रहे हैं।
चंदन चौहान, आशीष पटेल, संजय निषाद, ओम प्रकार राजभर
वहीं संजय निषाद कहना है कि उन्होंने भाजपा सहित सभी सहयोगी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया था। भाजपा से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को कार्यक्रम का निमंत्रण दिया था, लेकिन राजनीतिक व्यस्तता के कारण नहीं दोनों नेता नहीं आ पाए। सवाल ये उठता है कि ऐसी क्या राजनीतिक व्यस्तता थी कि भाजपा का एक सांसद तक कार्यक्रम में नहीं आया।
खास बात ये है कि सरकार का हिस्सा होते हुए निषाद राज पार्टी के अध्यक्ष व मंत्री संजय निषाद ने कार्यक्रम से योगी आदित्यनाथ की सरकार के खिलाफ सियासी जंग का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि निषाद समुदाय के लोगों के आरक्षण के लिए विधानसभा का घेराव करेंगे। संजय निषाद के इस बयान से दिल्ली से लेकर यूपी तक सियासी भूचाल आ गया है। वहीं दूसरी तरफ संजय निषाद ने यूपी में सपा के PDA नैरेटिव को फर्जी बताते हुए कहा दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आज असली पीडीए था।
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गौरतलब है कि इससे पहले भी अपना दल का नेतृत्व भाजपा और सीएम योगी के प्रति अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर कर चुका है। यदा-कदा राजभर भी अपना तेवर दिखाते रहते हैं। हालांकि मौजूदा समय में संजय निषाद भाजपा से नाराज नेताओं की अगुवाई कर रहे हैं। ऐसे में चर्चा है कि या तो भाजपा और योगी आदित्यनाथ को झुकना होगा। सभी को साथ लेकर चलना होगा। नहीं तो 2024 लोकसभा चुनाव यूपी की जनता का रुझान स्पष्ट बता रहा है। ऐसे में रास्ते अलग हो सकते हैं। पिछड़े समुदाय से आने वाले ये नेता भाजपा और योगी आदित्यानाथ को विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत का ऐहसास करा सकते हैं।