योगी आदित्यनाथ व अखिलेश यादव (डिजाइन फोटो)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों बयानों का ‘बुलडोजर’ चल रहा है। मंगलवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव के बयान से शुरू हुआ ‘जुबानी बुलडोजर’ बुधवार को भी लगातार चलता चला जा रहा है। बुधवार को पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव बयान पर पलटवार किया तो उसके कुछ ही देर बाद सपा मुखिया ने एक के बाद एक दो ताजा प्रहार कर दिए हैं। आसार तो ऐसे हैं कि यह जंग अब जल्दी नहीं थमने वाली है।
‘जुबानी बुलडोजर’ की इस कहानी की पार्श्वभूमि 2 सितंबर को तैयार हुई। इस दिन सुप्रीम कोर्ट की बुलडोजर एक्शन को लेकर एक टिप्पणी आई। सर्वोच्च न्यायालय की इस टिप्पणी में कहा गया कि “किसी के केवल आरोपी होनें के चलते उसका उसका घर नहीं ढहाया जा सकता।”
सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद विपक्षी दलों के कई नेताओं ने सरकार को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इस फेहरिस्त में सपा मुखिया अखिलेश यादव अव्वल आ गए। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा कि ‘अन्याय के बुलडोज़र’ से बड़ा होता है, ‘न्याय का तराज़ू’। इसके पीछे वजह ये थी कि बुलडोजर एक्शन की शुरुआत उत्तर प्रदेश से ही हुई है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को ‘बुलडोजर बाबा’ के नाम से जाना भी जाता है।
इसके बाद लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं के साथ हुई बैठक में अखिलेश यादव ने दोबारा बुलडोजर को लेकर टिप्पणी की। अखिलेश यादव ने कहा था कि “2027 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का सफाया होगा और राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही पूरे प्रदेश के बुलडोजरों का रूख गोरखपुर की तरफ कर दिया जाएगा।”
अखिलेश यादव के बाद ‘जुबानी बुलडोजर’ को बयानों की रवानी मिल गई है। बुधवार को सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश के बयान पर पलटवार किया। सीएम ने कहा कि “बुलडोजर पर हर व्यक्ति के हाथ नहीं फिट हो सकते। इसके लिये दिल और दिमाग दोनों चाहिये। बुलडोजर जैसी क्षमता और दृढ़ प्रतिज्ञा जिसमें हो, वो ही बुलडोजर चला सकता है। दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले लोग बुलडोजर के सामने वैसे ही पस्त हो जाएंगे।”
सीएम योगी के इस बयान के कुछ ही घंटों के भीतर एक के बाद एक दो नए हमले किए। अखिलेश यादव ने पहले मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि “बुलडोजर में दिमाग नहीं होता, वह स्टेयरिंग से चलता है। उत्तर प्रदेश की जनता कब किसका स्टेयरिंग बदल दें या दिल्ली वाले कब किसका स्टेयरिंग बदल दें कुछ कहा नहीं जा सकता।
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अखिलेश यादव यहीं नहीं रुके। कुछ देर बाद उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए बिना नाम लिए सीएम योगी पर दूसरा प्रहार भी किया। कन्नौज सांसद ने पोस्ट में लिखा कि अगर आप और आपका बुलडोज़र इतना ही सफल है तो अलग पार्टी बनाकर ‘बुलडोज़र’ चुनाव चिन्ह लेकर चुनाव लड़ जाइए। आपका भ्रम भी टूट जाएगा और घमंड भी। वैसे भी आपके जो हालात हैं, उसमें आप भाजपा में होते हुए भी ‘नहीं’ के बराबर ही हैं, अलग पार्टी तो आपको आज नहीं तो कल बनानी ही पड़ेगी।
अगर आप और आपका बुलडोज़र इतना ही सफल है तो अलग पार्टी बनाकर ‘बुलडोज़र’ चुनाव चिन्ह लेकर चुनाव लड़ जाइए। आपका भ्रम भी टूट जाएगा और घमंड भी। वैसे भी आपके जो हालात हैं, उसमें आप भाजपा में होते हुए भी ‘नहीं’ के बराबर ही हैं, अलग पार्टी तो आपको आज नहीं तो कल बनानी ही पड़ेगी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 4, 2024
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अखिलेश यादव के इन ताज़ा हमलों पर अभी सीएम योगी और बीजेपी की तरफ से प्रतिक्रिया आनी है। जिस तरह से ‘जुबानी बुलडोजर’ लेकर दोनों नेता एक दूसरे को ढहाने के लिए जुटे हुए हैं उससे एक बात तो साफ है कि यह जंग अभी और रोचक होने वाली है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सीएम और पूर्व सीएम की यह जंग कब समाप्त होती है।