काशी विश्वनाथ मंदिर (सोर्स: सोशल मीडिया)
वाराणसी: कल यानी 26 फरवरी को महाशिवरात्रि है। इसके लिए मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई है। इस बीच वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में बड़ा फैसला लिया है। 25 से 27 फरवरी तक काशी विश्वनाथ मंदिर में वीआईपी दर्शन की सुविधा नहीं मिलेगी। महाशिवरात्रि के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की आशंका को देखते हुए अधिकारियों ने ये निर्णय लिया है।
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने सोमवार को कहा कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ से लौटते समय श्रद्धालु यहां आ रहे हैं। इसके कारण मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
विश्व भूषण मिश्रा ने कहा कि इस साल महाकुंभ मेले के साथ 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पड़ने के कारण देश भर से तीर्थयात्रियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में नागा साधुओं और विभिन्न अखाड़ों के संतों के भी पूजा-अर्चना के लिए आने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि इस अवसर पर नागा अखाड़े भव्य जुलूस भी निकालेंगे, जिससे मंदिर के गेट नंबर 4 से आम लोगों का प्रवेश अस्थायी रूप से बंद हो जाएगा। इससे नियमित श्रद्धालुओं को लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
गर्मी और उमस भरे मौसम को देखते हुए, लंबे समय तक प्रतीक्षा करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ सकती है। खासकर बच्चों, महिलाओं और बुजुर्ग श्रद्धालुओं को यह समस्या ज्यादा हो सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने 3 दिन के लिए वीआईपी दर्शन को पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया है।
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि पिछले साल महाशिवरात्रि पर लगभग 12 लाख श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ धाम का दर्शन किया था। हालांकि, इस साल महाकुंभ होने की वजह से यह संख्या और भी अधिक होने की उम्मीद है।
मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर के चारों गेटों पर कतारों की संख्या बढ़ा दी गई है और अखाड़ों और नागा साधुओं के लिए विशेष समय निर्धारित किया गया है। वहीं शेष समय सामान्य भक्तों के लिए आरक्षित है।
उन्होंने बताया कि भारी भीड़ और गर्मी के मौसम को देखते हुए मंदिर परिसर में पेयजल स्टेशन, ओआरएस और ग्लूकोज की आपूर्ति, छायादार प्रतीक्षा क्षेत्र, चिकित्सा सुविधाएं और एंबुलेंस सहित अतिरिक्त व्यवस्थाएं की गई हैं।
पुलिस उपायुक्त (काशी जोन) गौरव बंसवाल ने बताया कि भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए पुलिस ने शहर में 55 स्थानों की पहचान की है, जहां बैरिकेडिंग लगाई जाएगी। काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को जोन और सेक्टर में बांटा गया है, जिसमें 13 सेक्टर समर्पित पुलिस बलों को सौंपे गए हैं।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि गोदौलिया से मैदागिन चौराहे तक के क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है और दशाश्वमेध घाट तक बैरिकेडिंग को मजबूत किया जाएगा। यातायात के सुचारू संचालन के लिए पूरे शहर में 8 यातायात निरीक्षक, 24 यातायात उपनिरीक्षक, 164 हेड कांस्टेबल और 300 से अधिक होमगार्ड तैनात किए जाएंगे।
काशी विश्वनाथ मंदिर की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर ‘मंगला आरती’ सुबह 2.15 बजे की जाएगी, जबकि दोपहर की ‘भोग आरती’ सुबह 11.35 बजे होगी। हालांकि, 26 फरवरी को शाम 6.15 बजे की सप्तऋषि आरती, रात 8 बजे की श्रृंगार-भोग आरती और रात 10.30 बजे की शयन आरती नहीं होगी।
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मंदिर के ट्रस्ट के हवाले से वेबसाइट पर दिए गए संदेश में कहा गया है, “महाशिवरात्रि के दिन मंदिर के कपाट बंद नहीं किए जाएंगे और रात 11 बजे से अगले दिन सुबह 6.30 बजे तक चार घंटे की आरती की जाएगी। महाशिवरात्रि के अगले दिन यानी 27 फरवरी को मंगला आरती नहीं की जाएगी।