टीबी मुक्त भारत (कांसेप्ट फोटो सौ. सोशल मीडिया)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने अगले वर्ष मार्च तक प्रदेश को ‘टीबी मुक्त’ बनाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। योगी के निर्देश पर प्रदेश में टीबी के खात्मे के लिए विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। जो 24 मार्च 2025 तक जारी रहेगा। अभियान के जरिये टीबी रोगियों की पहचान, इलाज और पुनर्वास की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।
इस अभियान का उद्देश्य जनता की भागीदारी व समग्र दृष्टिकोण अपनाना है और यह स्वस्थ और समृद्ध उत्तर प्रदेश की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अभियान के तहत 15 जिले में खासतौर पर टीबी रोगियों की पहचान, इलाज और जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इन जिलों में अयोध्या, सीतापुर, बाराबंकी, देवरिया, इटावा, अमेठी, बस्ती, फर्रुखाबाद, हाथरस, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, सिद्धार्थनगर, सुल्तानपुर शामिल हैं, जहां टीबी के मामलों की दर अपेक्षाकृत अधिक है।
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इसके साथ ही अभियान में टीबी के उन रोगियों को खोजने पर जोर दिया जा रहा है। जिनकी अब तक पहचान नहीं हुई है। इस अभियान के द्वारा उपचार और बेहतर देखभाल के जरिए टीबी से होने वाली मौतों को कम करना है।
इस अभियान के तहत सात दिसंबर से 19 दिसंबर के बीच 27,00,377 लोगों की जांच की गई जबकि 35,451 व्यक्तियों का माइक्रोस्कोपी और 26,642 व्यक्तियों का एनएएटी परीक्षण किया गया। इस दौरान 2,20,520 टीबी रोगियों को चिह्नित किया गया। वहीं निक्षय पोषण योजना के तहत 49,850 टीबी रोगियों को लाभ पहुंचाया गया और 1,96,520 लोगों को टीबी से बचाव के लिए उपचार दिया गया।