योगी आदित्यनाथ व मौलाना अरशद मदनी (डिजाइन फोटो)
लखनऊ: एक तरफ मदरसों को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी विरोध ही कर रहे ते कि दूसरी तरफ योगी सरकार ने मदरसों के पाठ्यक्रम को लेकर बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार मदरसा शिक्षा व्यवस्था में बेहतर शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव करने जा रही है। आधुनिक शिक्षा के तहत हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान जैसे विषय अनिवार्य किए जाएंगे। पहले ये वैकल्पिक थे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा शिक्षा में सुधार और सुचारू संचालन के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। उच्च स्तरीय समिति का अध्यक्ष अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक को बनाया गया है। समिति में अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, वित्त एवं न्याय विभाग के विशेष सचिव सदस्य होंगे। उच्च स्तरीय समिति कक्षा 9 से 12 तक मदरसा शिक्षा के पाठ्यक्रम का नए सिरे से निर्धारण करेगी।
समिति मदरसों में छात्रों की संख्या के अनुसार शिक्षकों की व्यवस्था, नए शिक्षकों का चयन, विषयवार शिक्षकों के समायोजन जैसे विषयों पर भी रिपोर्ट देगी। मदरसों में कार्यरत शिक्षकों की विषयवार योग्यता की पहचान कर उन्हें प्रशिक्षण और ब्रिज कोर्स कराए जाएंगे। मदरसों की मान्यता की शर्तें नए सिरे से तय की जाएंगी। समिति एक महीने में अपनी उच्चस्तरीय रिपोर्ट देगी।
इससे पहले अरशद मदनी इस मामले में अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी का कहना है कि मदरसे सिर्फ धार्मिक शिक्षा के लिए हैं, वहां आधुनिक शिक्षा नहीं दी जानी चाहिए। इसी बीच योगी सरकार ने यह नया फैसला ले लिया।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मदरसों के खिलाफ अभियान को गैरजरूरी बताते हुए यूपी की योगी सरकार पर समाज में नफरत फैलाने का आरोप लगाया। मौलाना मदनी ने कहा कि मदरसों के खिलाफ कार्रवाई, खासकर उत्तर प्रदेश सरकार का यह अभियान मुसलमानों की धार्मिक आजादी पर गंभीर हमला है।
मदरसा सुरक्षा सम्मेलन के तहत आजमगढ़ के सरायमीर कस्बे में मदरसा संचालकों को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मौलाना मदनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी सरकार मदरसों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। जिन मदरसों के दस्तावेज सही हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई अनुचित है, जिनके दस्तावेज सही नहीं हैं, उन्हें दुरुस्त किया जाना चाहिए।
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मदनी ने कहा कि मदरसों में ज्ञान देने का काम होता है। प्रदेश के उन सभी मुस्लिम बहुल जिलों में, जिनकी सीमा नेपाल से लगती है, न केवल मदरसों बल्कि दरगाहों, ईदगाहों और कब्रिस्तानों के खिलाफ भी एकतरफा कार्रवाई चल रही है, बल्कि अब तक सैकड़ों मदरसों को असंवैधानिक घोषित कर सील कर दिया गया है। इसे लेकर मुसलमानों में चिंता और भय का माहौल है।