शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (सोर्स-सोशल मीडिया)
लखनऊ: उत्तराखंड की ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती सोमवार को लखनऊ पहुंचे। यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कहा कि भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उनके इस बयान के बाद एक बार फिर से सियासी हंगामा खड़ा होने के आसार है।
उन्होंने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि भाजपा ने देश के बहुसंख्यक हिंदू समुदाय के वोट लिए और उन्हें धोखा दिया। लगातार तीन बार सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा ने गोहत्या रोकने और गोरक्षा के लिए कुछ नहीं किया, इसलिए उन्हें मठ छोड़ना पड़ा। इस मुद्दे को अभियान बनाकर वह अपने समर्थकों के साथ भारत भ्रमण पर हैं।
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इस दौरान लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए शंकराचार्य अविममुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सवालिया अंदाज में कहा कि “कौन राष्ट्रपति हिंदू है? कौन प्रधानमंत्री हिंदू है? अगर हिंदू होता तो उनके कार्यकाल में गौहत्या नहीं हो रही होती। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक कोई हिंदू इन पदों पर नहीं बैठ सका है। अगर बैठा होता तो उसकी अंतरात्मा इसकी गवाही नहीं देती।”
रिपोर्टर के सवाल पर भड़के शंकराचार्य-बोले प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति हिंदू नहीं हैं, हिंदू होते तो उनकी अंतरात्मा जागती !#Hindu #hinduism #gaumata #shankaracharya pic.twitter.com/sTOisGjJ1L
— मृत्युंजय पाराशर । MRATUNJAY PARASHAR (@parasharji24) September 23, 2024
उन्होंने कहा कि उन्होंने इस पुनीत कार्य की शुरुआत राम की नगरी अयोध्या से की थी और आज वह लक्ष्मण की नगरी लखनऊ में हैं। वह इस आंदोलन को लेकर देश के सभी राज्यों में जाएंगे और जब तक देश में गोहत्या बंद नहीं हो जाती, तब तक चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने देश के 100 करोड़ हिंदुओं से इस पुनीत अभियान में उनके साथ जुड़ने का आह्वान किया।
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उन्होंने आरोप लगाया कि तिरुपति मंदिर में प्रसाद के नाम पर देश के करोड़ों धर्मप्रेमी हिंदुओं को गाय की चर्बी खिलाई गई। इस घोर पाप को लेकर देश में क्रांति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक मठ के संत के मुख्यमंत्री होने के बावजूद, गोमांस के 79 बूचड़खानों में से 40 उत्तर प्रदेश में हैं, जो देश में सबसे ज़्यादा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।