राम मंदिर शिकर ध्वज, फोटो- सोशल मीडिया
Ram Mandir Flag Hoisting: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अयोध्या में ध्वजारोहण के लिए भव्य अभिनंदन करने की तैयारी है। इस अवसर को और खास बनाने के लिए राम मंदिर को नख से शिख तक 11 कुंतल सुगंधित पुष्पों से सजाया जाएगा। यह उत्सव विवाह पंचमी के दिन होने के कारण महा मंगल उत्सव बन गया है।
अयोध्या राम मंदिर पर ध्वजारोहण के लिए आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अयोध्या अभिनंदन करेगी। इस समारोह के लिए राम मंदिर को नख से शिख तक 11 कुंतल सुगंधित पुष्पों से सजाने की तैयारी हो चुकी है। राम नगरी में ध्वजारोहण को लेकर हर घर में उत्साह देखा जा रहा है। यह आयोजन पांच सौ सालों के संघर्ष की निर्णायक परिणति की खुशी तथा बिहार विधानसभा चुनाव के विजयोत्सव का प्रतीक भी है, इसीलिए इसकी छटा प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की तुलना में अलग है।
श्रीराम जन्मभूमि परिसर के 70 प्रतिशत भू-भाग को हरा-भरा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए, पूरे परिसर को अंदर व बाहर से सुगंधित पुष्पों से सजाने के काम में उद्यान विभाग भी जुट गया है। जिला उद्यान अधिकारी अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि विभाग जीएमआर समूह के साथ समन्वय का काम कर रहा है ताकि परिसर का वातावरण खूबसूरत हो जाए। तीर्थ क्षेत्र के न्यासी व ध्वजारोहण समारोह के मुख्य यजमान डॉ. अनिल मिश्र लगातार निगरानी कर रहे हैं।
इस समारोह का सबसे बड़ा आकर्षण मंदिर के शिखर पर होने वाला विशेष प्रदर्शन है। राम मंदिर के शिखर पर लेजर लाइटों व प्रोजेक्शन मैपिंग के जरिए सीता स्वंयवर प्रदर्शित किया जाएगा। इस दृश्य में भगवान राम व मां सीता एक दूसरे को जयमाल पहनाते दिखेंगे। यह मनोहर दृश्य देखकर श्रद्धालुओं का प्रफुल्लित होना तय है। प्रोजेक्शन मैपिंग एक ऐसी तकनीक है जो अनियमित सतहों, जैसे कि इमारतों या वस्तुओं, पर वीडियो और प्रकाश को प्रक्षेपित करती है, जिससे वे गतिशील और कलात्मक प्रदर्शनों में बदल जाते हैं। इन लेजर लाइटों का ट्रायल शुक्रवार की रात में किया गया और शनिवार को भी यह ट्रायल देर रात में किया गया था।
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केवल मुख्य मंदिर ही नहीं, बल्कि परकोटा और कुबेर टीला को भी शानदार सजाया जा रहा है। परकोटा, उसमें निर्मित छह मंदिर, शेषावतार, सप्त मंडपम व कुबेर टीला को भी अतिरिक्त साढ़े सात कुंतल फूल-मालाओं से सुसज्जित किया जाएगा। इसके अलावा, आद्य शंकराचार्य द्वार सहित चारों प्रवेश द्वारों को भी सजाया जा रहा है। इन द्वारों को सजाने के लिए स्ट्रक्चर खड़े कर उन पर भगवा रंग का आवरण चढ़ाया जा रहा है। यह सजावट इस उत्सव को स्वयंमेव महा मंगल उत्सव बना रही है, विशेषकर जब यह विवाह पंचमी के दिन है।