अयोध्या राम मंदिर।
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के बाद अब यहां रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की दूसरी वर्षगांठ मनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। प्राण-प्रतिष्ठा की वर्षगांठ हिंदी तिथि के अनुसार मनेगी। यह तिथि पौष शुक्ल द्वादशी है। जो 31 दिसंबर को पड़ रही है। राम मंदिर ट्रस्ट ने इसे प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव का नाम दिया है।
अभी ट्रस्ट की तैयारी है कि सादे समारोह में धार्मिक अनुष्ठान कराए जाएंगे। इन्हें वैदिक आचार्यों द्वारा संपन्न कराया जाएगा। इसकी प्रारंभिक तैयारी शुरू हो चुकी है। विस्तृत रूपरेखा पर अंतिम मुहर 13 दिसंबर को होने वाली श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक में लगेगी। बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे। इस बार किसी विशिष्टजन को बुलाने का अब तक कार्यक्रम नहीं है। न ही बड़ी संख्या में मेहमान बुलाए जाएंगे।
अयोध्या में शरद ऋतु की ठंड बढ़ने के साथ पांच वर्षीय बाल स्वरूप राम लला की सेवा-सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भगवान को ठंड से बचाने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। राम लला के अभिषेक में अब गुनगुने पानी का उपयोग किया जा रहा है, ताकि मौसम के प्रभाव से उनकी दिव्य सेवा प्रभावित न हो। भोजन व्यवस्था में भी मौसमी बदलाव किए गए हैं। गर्म दूध, खीर और पौष्टिक ड्राई फ्रूट नियमित रूप से भोग में सम्मिलित किए जा रहे हैं। वस्त्रों और शयन व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। राम लला को ऊनी गर्म वस्त्र पहनाए गए हैं। रात्रि शयन के समय खासकर जयपुर से मंगाई गई मुलायम जयपुरिया रजाई ओढ़ाई गई है।
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गर्भगृह के तापमान को संतुलित बनाए रखने के लिए ब्लोअर और हीटर लगाए गए हैं। इससे बाल स्वरूप भगवान को ठंड महसूस न हो। ट्रस्ट के अनुसार, हर ऋतु के अनुसार भगवान के भोग, प्रसाद और वस्त्रों में परिवर्तन परंपरा का हिस्सा है। श्रद्धालुओं की भावना है कि बाल स्वरूप में भगवान को भी ठंड लगती है, इसलिए उनकी सेवा में विशेष करुणा और सावधानी बरती जाती है।