मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (डिजाइन फोटो)
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद नवंबर 2024 से फरवरी 2025 महज ढाई महीने के अंतराल पर हुए उपचुनावों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन NDA ने 8 सीटों पर जीत हासिल की। मतदाताओं ने योगी के नेतृत्व में सुशासन और सुदृढ़ कानून व्यवस्था पर विश्वास की मुहर लगाई।
यूपी की 10 सीटों पर हुए उपचुनाव में 8 पर एनडीए जीत मिली। इससे मतदाताओं ने बता दिया कि वे योगी के साथ थे, हैं और रहेंगे। नवंबर में न सिर्फ कुंदरकी में भाजपा का कमल खिला, बल्कि कटेहरी व मिल्कीपुर में भी सपा का तिलिस्म टूटा।
तीनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने सपा को धूल चटाई और अपने कार्यकर्ता को ‘लखनऊ’ पहुंचाया। यही नहीं, 10 में से 7 पर कमल खिला तो एक सीट मीरापुर पर सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के ‘हैंडपंप’ से भी विकास की गंगा बही।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ नवंबर में यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। इसमें भारतीय जनता पार्टी को सबसे बड़ी जीत समाजवादी पार्टी के गढ़ रहे कुंदरकी में मिली। यहां भाजपा के रामवीर सिंह ने 1 लाख 70 हजार 371 वोट हासिल किए। उन्हें 1 लाख 44 हजार 791 वोटों से एकतरफा जीत मिली।
वहीं गाजियाबाद उपचुनाव में पार्टी ने महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा को टिकट थमाया। संजीव ने 69,351 से जीत हासिल की। वहीं अयोध्या में लोकसभा चुनाव में हार के 8 महीने बाद मिल्कीपुर ने भी सपा की साइकिल को पंचर कर दिया। यहां भाजपा को तीसरी सबसे बड़ी जीत मिली। चंद्रभानु पासवान यहां 61,710 से जीत दर्ज करने में सफल हुए।
कटेहरी सीट लगभग तीन दशक से अधिक समय से भाजपा से दूर थी, लेकिन पिछले साल नवंबर में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कटेहरी में भी कमल ने कमाल कर दिखाया। भाजपा प्रत्याशी धर्मराज निषाद ने तीन दशक बाद यहां कमल खिलाया। धर्मराज निषाद ने न सिर्फ सपा से यह सीट छीनी, बल्कि सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा को 34514 के बड़े अंतर से हराया।
2022 विधानसभा चुनाव में कुंदरकी में समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की थी। इस सीट पर भी विधायक के सांसद चुने जाने के कारण उपचुनाव हुआ। इस सीट पर काफी समय से समाजवादी पार्टी का कब्जा था, लेकिन नवंबर 2024 में हुए उपचुनाव में यह सीट भाजपा के खाते में गई।
यहां के भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर ने सपा के मो. रिजवान को 1.44 लाख से अधिक अंतर से पराजित किया। रामवीर को यहां 1,70,371 वोट मिले, जबकि मो. रिजवान को महज 25,580 वोट से संतोष करना पड़ा।
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मिल्कीपुर में तीसरी बार कमल खिला है। इसके पहले यहां विपक्षी दलों का दबदबा रहता था। पहली बार 1991 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के मथुरा प्रसाद तिवारी चुनाव जीते। इसके लगभग ढाई दशक बाद बाद 2017 में यह सीट भारतीय जनता पार्टी की झोली में गई। यहां से गोरखनाथ बाबा ने कमल का फूल खिलाया। वहीं उपचुनाव में 8 फरवरी को हुई मतगणना में चंद्रभानु पासवान ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में यह सीट समाजवादी पार्टी से छीन ली।
विधानसभा सीट | उम्मीदवार का नाम | वोट मिले | जीत का अंतर |
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कुंदरकी | रामवीर सिंह ठाकुर | 170371 | 144791 वोटों से जीत |
गाजियाबाद | संजीव शर्मा | 96946 | 69351 वोटों से जीत |
मिल्कीपुर | चंद्रभानु पासवान | 146397 | 61710वोटों से जीत |
खैर | सुरेंद्र दिलेर | 100181 | 38393 वोटों से जीत |
कटेहरी | धर्मराज निषाद | 104091 | 34514 वोटों से जीत |
मीरापुर | मिथिलेश पाल (रालोद) | 84304 | 30796 वोटों से जीत |
फूलपुर | दीपक पटेल | 78289 | 11305 वोटों से जीत |
मझवां | सुचिस्मिता मौर्या | 77737 | 4922 वोटों से जीत |