ईदगाह को गिराते कर्मी। इमेज-सोशल मीडिया
Ayodhya Eidgah Masjid News: अयोध्या में रौनाही से ड्योढ़ी संपर्क मार्ग चौड़ीकरण की जद में आ रहे ईदगाह विवाद मामले में हिंदू वादी संगठनों की आखिर जीत हो गई। शनिवार को ईदगाह का एक हिस्सा गिराया गया। विवादित हिस्सा इंतजामिया कमेटी ने खुद ही गिरा दिया। इससे पहले जिला प्रशासन और ईदगाह इंतजामिया कमेटी के बीच बातचीत में सहमति बनी और चौड़ीकरण के बीच आ रहे ईदगाह के हिस्से पर हथौड़ा चलाया गया
संत-महंतों और हिंदू वादी संगठनों ने ईदगाह को गिराने की मांग को लेकर चार दिन तक सोहावल तहसील में धरना-प्रदर्शन किया था। संतों ने ऐलान किया था कि जब तक चौड़ीकरण के मार्ग में आने वाले ईदगाह के हिस्से को गिराया नहीं जाता है, वो धरना-प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे।
इससे पहले संतों ने प्रशासन पर आरोप लगाया था कि सोहावल तहसील प्रशासन और पीडब्ल्यूडी सड़क चौड़ीकरण के लिए ईदगाह पर कार्रवाई करने से बच रहा है संत-महंत और हिंदूवादी संगठनों ने ऐलान किया था कि जब तक चौड़ीकरण के रास्ते में आ रहे ईदगाह के हिस्से को गिराया नहीं जाता, उनका धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। धरने के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और संतों से बातचीत करके उनकी मांग स्वीकार करने का आश्वासन दिया गया। उसके बाद संतों ने आंदोलन समाप्त कर दिया। संतों की मांग स्वीकार कर प्रशासन ने पैमाइश कर चौड़ीकरण की जद में आने वाले हिस्से पर निशान लगाए थे।
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इससे पहले की प्रशासन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम देता, ईदगाह मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने खुद मजदूरों की मदद से निशान लगाए गए हिस्से को गिरवा दिया। इस तरह अयोध्या रौनाही-ड्योढ़ी संपर्क मार्ग के चौड़ीकरण का रास्ता साफ हो गया। पूरे मामले में प्रशासन के साथ-साथ ईदगाह मस्जिद इंतजामिया कमेटी की सराहना की जा रही है।
इंतजामिया कमेटी द्वारा खुद ईदगाह गिराए जाने पर हिंदू संगठनों ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि हम कमेटी का आभार जताते हैं। शहर के विकास कार्यों में सभी को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने किसी भी तरह के अतिक्रमण न करने की हिंदुओं से भी अपील की। उन्होंने कहा कि धर्म और आस्था का सम्मान है, लेकिन विकास कार्य प्रभावित नहीं होना चाहिए।