मौलाना शहाबुद्दीन, फोटो- सोशल मीडिया
Maulana Shahabuddin on Halal Township: मौलाना शहाबुद्दीन ने मुंबई में बन रही टाउनशिप का नाम ‘हलाल टाउनशिप’ रखे जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने बिल्डरों पर समाज में नफरत फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि बिल्डर समाज को जोड़ने का नहीं बल्कि तोड़ने का काम कर रहे हैं।
शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा, “मुंबई के पास कर्जत में एक ऐसी टाउनशिप बन रही है, जिसका नाम ‘हलाल टाउनशिप’ रखा गया है। इस तरह के नाम रखकर ‘हलाल’ शब्द का इस्तेमाल करके एक अलग तरह से संदेश दिया जा रहा है। जो बिल्डर्स इसे बना रहे हैं, वह समाज को जोड़ने का नहीं, बल्कि तोड़ने का काम कर रहे हैं।”
मौलाना शहाबुद्दीन ने आगे कहा, “मैं पूछता हूं कि ‘हलाल टाउनशिप’ या ‘हराम टाउनशिप’ या फिर हिंदू, मुस्लिम या ‘जायज’ और ‘नाजायज’ कॉलोनी जैसे नाम रखने का क्या मतलब है? यह सब वो नाम हैं जो शरियत से संबंधित मामलों में इस्तेमाल किए जाते हैं। इन नामों का टाउनशिप से कोई लेना-देना नहीं है। वह लोग इस्लामिक शब्दों का इस्तेमाल करके इसका गलत मैसेज दे रहे हैं। मैं इन लोगों की निंदा करता हूं, क्योंकि ऐसे लोग समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं। मैं महाराष्ट्र के समाज से अपील करता हूं कि इन लोगों से होशियार रहें। इनका मकसद और मंशा सही नहीं है।”
दरअसल, मुंबई के कर्जत में प्रस्तावित ‘हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप’ का विज्ञापन हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें इसे विशेष तौर पर मुस्लिम समुदाय के लिए बताया गया है। इस मामले में अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी संज्ञान लिया है। एनएचआरसी के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने टाउनशिप का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए इसका विरोध किया है।
प्रियंक कानूनगो ने लिखा, “यह विज्ञापन नहीं बल्कि विष व्यापन है। मुंबई के पास करजत इलाके में केवल मुसलमान मजहब वालों के लिए हलाल लाइफस्टाइल वाली टाउनशिप बनाई जा रही है। यह ‘नेशन विदिन द नेशन’ है। इस मामले में महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भी जारी किया जा रहा है।”
IANS इनपुट के साथ