लखनऊ : प्रयागराज में अगले साल महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाएगा। मेले को लेकर तैयारियां शुरु कर दी गई है। मेले को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की शनिवार को बैठक हुई। बैठक में कई प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें प्रमुख रूप से लव जिहाद, संतों की सुरक्षा, गो हत्या पर प्रतिबंध, कुंभ मेला क्षेत्र को हरा-भरा और स्वच्छ बनाने सहित कुंभ मेले के दौरान सभी की सुरक्षा पर सरकार की ओर से विशेष ध्यान दिया जाना शामिल है।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इस बार के कुंभ में शाही और पेशवाई जैसे नाम प्रयोग नहीं किए जाएंगे और आपसी सहमति से इनके स्थान पर प्रयोग किए जाने वाले नए नाम जल्द ही सरकार को दिए जाएंगे। यही नहीं इन मांगों के न माने जाने पर मेले का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया।
दो दिन चली बैठक के बाद फर्जी संतों की कुंभ मेला क्षेत्र में प्रतिबंध के साथ पूर्ण बहिष्कार की घोषणा की गई है। इसके साथ मेले में सुरक्षा के मद्देनजर सभी तेरह अखाड़ों के संतों को सरकार की ओर से विशेष सुरक्षा देने की मांग की गई। अखाड़ा परिषद ने सभी अखाड़ों से अपील की कि वे अपने संतों को आई कार्ड उपलब्ध करवाएं, जिससे सभी संतों की पहचान हो सके। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसा कहा जा रहा है कि अखाड़ा परिषद ने महाकुंभ में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की है।
उनका कहना है कि कई मामले ऐसे सामने आए हैं, जब लोग पहचान छुपाकर गरबा में दाखिल हो जाते हैं। इसकी तुलना में महाकुंभ काफी बड़ा धार्मिक आयोजन है। ऐसे में अखाड़े के संतों की मांग है कि ID प्रूफ के बिना किसी को भी एंट्री नहीं मिलनी चाहिए। संतों का कहना है कि उन्होंने कई बार देखा है कि कुंभ में मुस्लिम लोग संत बनकर घूमने लगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि जो भी प्रयागराज महाकुंभ में आए, उसकी पहले जांच की जाए।