
लखनऊ में गमला लूटते लोग, फोटो- सोशल मीडिया
Flower Pots Theft at Rashtra Prerna Sthal: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ का उद्घाटन कर राष्ट्रीय मूल्यों का संदेश दे रहे थे, तो दूसरी तरफ उनके जाते ही शहर की एक बेहद शर्मनाक तस्वीर सामने आई। प्रशासन द्वारा सौंदर्यीकरण के लिए लगाए गए पौधों पर स्थानीय लोगों ने हाथ साफ कर दिया, जिससे शहर की छवि को गहरा धक्का लगा है।
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन और उनके महान आदर्शों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लखनऊ में ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ का लोकार्पण किया। इस ऐतिहासिक अवसर के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) और नगर निगम ने समूचे क्षेत्र को दुल्हन की तरह सजाया था। ग्रीन कॉरिडोर, वसंत कुंज रोड और मुख्य मार्ग पर छोटे-छोटे आकर्षक सजावटी गमले और हैंगिंग वॉल लगाई गई थीं ताकि आने वाले मेहमानों को शहर की हरियाली और सुंदरता का अहसास हो।
लेकिन जैसे ही प्रधानमंत्री का काफिला वहां से रवाना हुआ, अनुशासन और मर्यादा की धज्जियां उड़ गईं। सूत्रों के अनुसार, वहां मौजूद भीड़ ने दीवारों और सड़कों पर लगे गमलों को अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया। विचलित करने वाली बात यह रही कि लोग न केवल पैदल इन गमलों को हाथ में लेकर भाग रहे थे, बल्कि कई लोग अपनी दोपहिया और महंगी चारपहिया गाड़ियों (एसयूवी) में इन गमलों को लादकर ले जाते देखे गए। चंद मिनटों में ही वह क्षेत्र, जिसे प्रशासन ने भारी भरकम राशि खर्च कर सजाया था, उजाड़ नजर आने लगा।
एक पेड़ माँ के नाम 🌱
और एक गमला चोरी देश के नाम।
सच्ची इक्वलिटी, यूपी स्टाइल।pic.twitter.com/55gl5kTfYQ — Sonakshi Vashistha (@Sonakshi_V) December 26, 2025
गमलों की इस चोरी के कई वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिन्हें स्थानीय लोगों ने अपने मोबाइल कैमरों में रिकॉर्ड किया था। इंटरनेट यूजर्स इस घटना पर कड़ी नाराजगी जता रहे हैं। लोगों का कहना है कि एक तरफ सरकार और नगर निगम शहर को सुंदर बनाने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं समाज का एक वर्ग अपनी ‘संकीर्ण सोच’ के कारण सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहा है। यह घटना उस समय और भी विडंबनापूर्ण लगती है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक किस्सा साझा किया था कि कैसे एक मर्सिडीज गाड़ी वाला व्यक्ति गमले चुरा ले गया था।
यह भी पढ़ें: ‘मौन’ नहीं थे ‘हजारों जवाबों से बेहतर है मेरी खामोशी’ कहने वाले मनमोहन सिंह, जब PMO ने दिया था सबूत
इस शर्मनाक घटना ने न केवल आम नागरिक के ‘सिविक सेंस’ पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। प्रशासन ने जिस सौंदर्य को निखारने के लिए जनता के पैसे का इस्तेमाल किया था, उसे कुछ ही घंटों में नष्ट कर दिया गया। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या वीडियो साक्ष्यों के आधार पर इन ‘गमला चोरों’ की पहचान की जाएगी और उन पर कोई सख्त कार्रवाई होगी?






