जालौन में सड़क पर हुआ अंतिम संस्कार, फोटो: सोशल मीडिया
Jalaun News Update: जालौन के कुदरा बुजुर्ग गांव के रहने वाले लालाराम का मंगलवार की रात को निधन हो गया। बुधवार सुबह जब परिजन अंतिम संस्कार के लिए जगह ढूंढने निकले तो हर जगह पानी भरा हुआ मिला। गांव में न तो श्मशान की जमीन चिन्हित है और न ही कोई स्थायी व्यवस्था। ऐसे में ग्रामीणों के पास कोई विकल्प नहीं बचा तो उन्होंने मुख्य सड़क किनारे चिता सजाई और अंतिम संस्कार किया।
अंतिम संस्कार के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और सड़क को जाम कर दिया। इससे आवागमन पूरी तरह प्रभावित हो गया। घटना की जानकारी होने पर नायब तहसीलदार सादुल्लाह और कोंच कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। प्रशासन की काफी देर की मशक्कत के बाद ग्रामीणों को शांत कराया और श्मशान घाट की स्थायी व्यवस्था का आश्वासन भी दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि वे वर्षों से जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से श्मशान घाट निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। बरसात में गांव के रास्ते और खेत पूरी तरह जलमग्न हो जाते हैं, जिससे अंतिम संस्कार करना भी गंभीर चुनौती बन जाता है। लोगों का कहना है, “आखिरी वक्त में भी इंसान को सम्मान नहीं मिल रहा, इससे ज्यादा दुर्भाग्य और क्या होगा?”
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें लोग सड़क किनारे चिता जलाते नजर आ रहे हैं। वीडियो सामने आने के बाद प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। लोगों ने तत्काल श्मशान भूमि का चयन और निर्माण कराने की मांग की है।
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ऐसा ही एक मामला एमपी के छतरपुर से सामने आया है। यहां अंतिम संस्कार के लिए उचित व्यवस्था न होने के कारण तिरपाल के नीचे दाह संस्कार किया गया। कटहरा के मड़वा गांव की महिला रोशनी शर्मा की बीमारी के चलते मौत हो गई। श्मशान घाट पर शेड नहीं होने की वजह से भारी बारिश में तिरपाल और छाते का सहारा लिया गया। ग्रामीणों की मानें तो श्मशान घाट में जरूरी सुविधाओं का सालों से अभाव है। कई बार गुहार लगाने के बाद भी कोई समाधान नहीं मिल पाया।