राहुल गांधी (कॉन्सेप्ट फोटो)
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इस बार उत्तर प्रदेश में 6 सीटें जीतने में कामयाब रही। इतना ही नहीं पार्टी ने अमेठी में पिछले चुनाव की हार का हिसाब किताब भी चुकता कर दिया। यहां कांग्रेस के टिकट पर किशोरीलाल शर्मा ने पिछले चुनाव में राहुल गांधी को मात देने वाली बीजेपी की कद्दावर नेता को भी शिकस्त दे दी। यही वजह है कि अब कांग्रेस पूरे देश में यहां के जैसी रणनीति लागू करने जा रही है।
कांग्रेस पार्टी अमेठी और रायबरेली का सांगठनिक मॉडल कांग्रेस पूरे प्रदेश में लागू करेगी। जिला संगठन को पांच परतों में तैयार किया जाएगा। ब्लॉक के बाद मंडल स्तर का एक संगठन होगा। हर मंडल में दो से तीन न्याय पंचायतें शामिल होंगी। पहले ब्लॉक के बाद न्याय पंचायत स्तर का संगठन तैयार कया जाता था।
जानकारी के मुताबिक, जिला स्तरीय संगठन को मजबूती देने के लिए मंडल स्तर पर भी संगठन तैयार करने का फैसला लिया गया है। यह मॉडल रायबरेली और अमेठी में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद आया था। रायबरेली और अमेठी के अलावा रामपुर खास में भी इसी तरह की सांगठनिक व्यवस्था है।
प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों के मुताबिक ब्लॉक से सीधे न्याय पंचायत स्तर तक संवाद में दिक्कतें आती हैं। लिहाजा ब्लॉक और न्याय पंचायत के बीच संगठन की एक और परत तैयार की जाएगी ताकि ब्लॉक से आने वाले निर्देशों को आसानी से न्याय पंचायत के स्तर तक पहुंचाया जा सके और उनकी गतिविधियों पर नजर भी बनाए रखी जा सके।
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पिछले लोक सभा चुनावों में रायबरेली और अमेठी में मंडल स्तर के संगठन की भूमिका को महत्वपूर्ण पाया गया। अब इसे प्रदेश के सभी जिलों में लागू किए जाने की योजना तैयार की गई है। जिलों के संगठन को जिन पांच परतों में तैयार किया जाना है, उनमें जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष, न्याय पंचायत अध्यक्ष और बूथ अध्यक्ष होंगे।
पार्टी की यह रणनीति उत्तर प्रदेश के अमेठी में लोकसभा चुनाव में कामयाब रही थी। अब पार्टी पूरे देश में अमेठी मॉडल लागू करने जा रही है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या अमेठी की तरह उसे मुल्क की सियासत में कामयाबी मिलेगी?