मायावती (फोटो- सोशल मीडिया)
Nitish Kumar Hijab Row: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक कार्यक्रम में मुस्लिम महिला के चेहरे से नकाब हटाने के मामले पर विपक्ष के साथ-साथ कई मुस्लिम संगठनों ने प्रतिक्रिया दी है। अब इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने एक्स हैंडल पर एक विस्तृत पोस्ट लिखते हुए सीएम नीतीश कुमार को सलाह दी है।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र वितरण के सार्वजनिक कार्यक्रम में एक मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब (चेहरे का नकाब) हटाने का मामला सुलझने के बजाय, खासकर मंत्रियों आदि की बयानबाजी के चलते, विवाद का रूप ले चुका है और यह लगातार तूल पकड़ता जा रहा है, जो बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है।”
मायावती ने कहा, “यह मामला पहली नजर में ही महिला सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा हुआ है, इसलिए मुख्यमंत्री के सीधे हस्तक्षेप से अब तक इसका समाधान हो जाना चाहिए था। खासकर तब, जब अलग-अलग जगहों पर ऐसी अन्य घटनाएं भी सामने आ रही हैं। बेहतर होगा कि मुख्यमंत्री इस घटना को सही संदर्भ में देखते हुए इसके लिए पश्चाताप करें और लगातार कड़वा होते जा रहे इस विवाद को यहीं खत्म करने का प्रयास करें।”
1. बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा, डाक्टरों को नियुक्ति पत्र वितरण के सार्वजनिक कार्यक्रम में एक मुस्लिम महिला डाक्टर का हिजाब (चेहरे का नक़ाब) हटाने का मामला सुलझने की बजाय, ख़ासकर मंत्रियों आदि की बयानबाजी़ के कारण, विवाद का रूप लेकर यह लगातार तूल पकड़ता ही जा… — Mayawati (@Mayawati) December 20, 2025
इसके अलावा मायावती ने कहा, “बहराइच जिला पुलिस द्वारा पुलिस परेड में स्थापित परंपरा और नियमों से हटकर एक कथावाचक को सलामी देने का मामला भी बड़े विवाद का कारण बना है और इसको लेकर सरकार सवालों के घेरे में है। पुलिस परेड और सलामी की अपनी परंपरा, नियम, मर्यादा, अनुशासन और पवित्रता होती है, जिनसे खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “यह सकारात्मक है कि यूपी के पुलिस प्रमुख ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए जिला पुलिस कप्तान से जवाब तलब किया है। अब कार्रवाई का लोगों को इंतजार है। यदि राज्य सरकार भी इसे गंभीरता से लेकर ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति पर रोक लगाए, तो यह पुलिस प्रशासन, अनुशासन और कानून के राज के हित में होगा।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “जहां तक 19 दिसंबर से शुरू हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा के संक्षिप्त शीतकालीन सत्र का सवाल है, तो यह सत्र भी पिछले सत्रों की तरह जनहित और जनकल्याण के मुद्दों से दूर रहकर सत्ता और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप में उलझा रहा। बेहतर होता कि सरकार किसानों की खाद की समस्या समेत जनहित के अन्य मुद्दों और जनकल्याण पर गंभीरता से सदन में जवाब देती।”
उन्होंने यह भी कहा, “इसी तरह संसद का शीतकालीन सत्र भी राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या सहित देश और जनहित से जुड़ी विकराल चुनौतियों पर विचार किए बिना ही समाप्त हो गया। जबकि पूरे देश को उम्मीद थी कि सरकार और विपक्ष मिलकर ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा करेंगे, लेकिन ऐसा न होना दुर्भाग्यपूर्ण है और देश की चिंताएं जस की तस बनी हुई हैं।”
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इसके साथ ही मायावती ने कहा, “पड़ोसी देश बांग्लादेश में तेजी से बिगड़ते हालात और वहां नेपाल की तरह भारत विरोधी गतिविधियों में हो रही बढ़ोतरी भी चिंता का विषय है। इस पर केंद्र सरकार को समुचित संज्ञान लेते हुए दीर्घकालिक नीति के तहत कदम उठाने चाहिए, यही देशहित में उचित होगा।”