ब्रजेश पाठक (फोटो- सोशल मीडिया)
लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का पांचवा दिन सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) विधायकों के विरोध प्रदर्शन के कारण व्यवधान के साथ शुरू हुआ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की मुलायम सिंह पर टिप्पणी के बाद समाजवादी पार्टी के विधायकों ने सदन में हंगामा किया।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने हस्तक्षेप करते हुए विरोध कर रहे सपा विधायकों को विधानसभा से बाहर जाने का निर्देश दिया। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बिना किसी का नाम लिए एक टिप्पणी की जो किसी के लिए निर्देशित प्रतीत होती है। दरअसल ब्रजेश पाठक ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने लड़कियों से रेप की घटनाओं पर एक समय कहा था कि लड़कों से गलतियां हो जाती हैं। इसके बाद समाजवादी पार्टी के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा में जमकर हंगाम हुआ। समाजवादी पार्टी के विधायकों ने ब्रजेश पाठक से मांफीं की मांग की है।
नेताजी के ये अपमान,
नहीं सहेगा हिंदुस्तान !बेशर्म स्वास्थ्य मंत्री माफी मांगों, माफी मांगों !
उत्तर प्रदेश विधानसभा में श्रद्धेय नेताजी का नाम लेकर गलत टिप्पणी करने पर देश से माफी मांगे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक। pic.twitter.com/K3ZVHsWTwh
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) February 24, 2025
प्रस्तुत एजेंडे के अनुसार बजट सत्र 20 फरवरी को शुरू हुआ और 5 मार्च तक चलेगा। 2025-2026 वित्तीय वर्ष का वार्षिक बजट, जिसके 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है, 20 फरवरी को पेश किया जाएगा। इससे पहले, यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 20 फरवरी को 2025-26 के लिए 8,08,736 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। बजट में प्रमुख पहलों में साइबर सुरक्षा पर केंद्रित एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिटी और एक प्रौद्योगिकी अनुसंधान पार्क का विकास, पात्रता के आधार पर मेधावी छात्रों के लिए स्कूटी, चार नए एक्सप्रेसवे का निर्माण और 58 नगर पालिकाओं को स्मार्ट नगर पालिकाओं में विकसित करना शामिल है।
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उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा के बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष से सहयोग की अपील की ताकि 5 मार्च तक सत्र शांतिपूर्ण ढंग से चल सके। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “सत्र को सुचारू रूप से चलाना न केवल सरकार की जिम्मेदारी है, बल्कि विपक्ष की भी जिम्मेदारी है। पिछले लगभग 8 वर्षों में डबल इंजन की भाजपा सरकार ने यूपी के विकास के जो मानक स्थापित किए हैं, वे अभूतपूर्व हैं। इसकी झलक भाषण के साथ-साथ सदन के अंदर की चर्चाओं से भी दिखती है। स्वाभाविक रूप से हताश और निराश विपक्ष इन मुद्दों पर चर्चा करने से भागने की कोशिश करता है और सदन की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न करने का प्रयास करता है। अगर विपक्ष सार्थक चर्चा को आगे बढ़ाने में मदद करता है, तो मेरा अनुमान है कि यह एक बहुत अच्छा सत्र हो सकता है।