आजम खान (फोटो- सोशल मीडिया)
UP Politics: उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर आ रही है, जहां समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली हैं। उन्हें डूंगरपुर कांड में जमानत मिल गई है। इस मामले में आजम खान को 10 की सजा हुई थी। डूंगरपुर कांड में आजम खान को रामपुर की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया था। मामले में आजम खान की तरफ सजा के खिलाफ और जमानत के हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
इलाहबाद हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस समीर जैन की बेंच कर रही थी। बेंच ने सपा नेता व पूर्व सांसद आजम खान के साथ ही ठेकेदार बरकत अली की अर्जियों पर सुनवाई की। इसके बाद पिछले महीने 9 अगस्त को ही फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, जिसमें आजम खान को जमानत मिल गई है।
हालांकि जमानत मिलने के बाद भी आजम खान जेल से बाहर निकलेंगे। इस पर अभी संशय बरकरार है। क्योंकि उन्हें कई अन्य मामलों में भी सजा हुई है। वहीं कई मामलों में जमानत भी मिल चुकी है। गौरतलब है कि आजमखान का जेल में रहने और जेल से बाहर रहने पर सियासत में उलटफेर भी होते रहते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर अवध के कुछ हिस्सों में उनकी अल्पसंख्यक वोटरों में मजबूत पकड़ है। मौजूदा समय में वे अखिलेश यादव से नाराज बताए जा रहे हैं। आजम खान जेल से बाहर आने के बाद क्या फैसला लेंगे इसपर कुछ नहीं कहा जा सकता है। हालांकि उन्हें मिल रही जमानतों से लग रहा है उनके रिहाई के दिन धीरे-धीरे पास आ रहे हैं।
डूंगर पुर मामले में अबरार ने अगस्त 2019 में रामपुर के गंज थानें आजम खान, रिटायर्ड सीओ, आले हसन खान और ठेकेदार बरकत अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। शिकायतकर्ता अबरार ने पुलिस को बताया था कि दिसंबर 2016 में आजम खान, रिटायर सीओ आले हसन खान और ठेकेदार बरकत अली ने उसे पीटा था। उन्होंने उसके घर को भी तोड़ दिया और जान से मारने की धमकी दी थी। आजम खान के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि मामला घटना के 3 साल दर्ज हुआ और आजम खान के घटना के मौके पर मौजूद होने का कोई साक्ष्य नहीं है।
ये भी पढ़ें- ‘OBC होने पर घंटो भाषण, जातिगणना पर PM ने साधी चुप्पी’, राहुल ने BJP-RSS को बताया पिछड़ों का विलेन
मामले में 30 मई 2024 को विशेष अदालत ने आजम खान को 10 साल और ठेकेदार बरकत अली को 7 साल की सजा सुनाई थी। आजम खान ने सजा के फैसले को आपराधिक अपील के तहत हाईकोर्ट में चुनौती दी है। डूंगरपुर बस्ती में रहने वाले लोगों से कॉलोनी को खाली कराने के आरोप में 12 मामले दर्ज किए थे। रामपुर के गंज थाने में लूट, चोरी, हमला सहित विभिन्न धाराओं के तहत ये मुकदमे दर्ज किए गए थे।