नगर निगम ने ठेले वालों को सिर के बल खड़ा किया, फोटो- सोशल मीडिया
Uttar Pradesh के अयोध्या में नगर निगम की ओर से अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान ठेले वालों के साथ किया गया “अमानवीय व्यवहार” विवादों में घिर गया है। भक्ति पथ मार्ग पर स्टाफ ने आठ विक्रेताओं को शर्मनाक तरीके से सिर के बल खड़ा होने और उठक-बैठक करने की सजा दी, जिससे स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
यह निंदनीय घटना अयोध्या के भक्ति पथ मार्ग पर नगर निगम प्रवर्तन दल की कार्रवाई के दौरान सामने आई। प्रवर्तन दल ने यहां कुछ ठेले-खोमचे वालों को अतिक्रमण के आरोप में पकड़ा और उनके ठेले जब्त कर लिए। इसके बाद, दल ने कथित तौर पर आठ लोगों को सजा के तौर पर पहले उठक-बैठक करने को मजबूर किया।
इतना ही नहीं, उन्हें दीवार के सहारे सिर के बल उल्टा खड़ा करने का भी आदेश दिया गया। आसपास मौजूद लोगों ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाया और इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो के व्यापक रूप से फैलने के बाद, यह “शर्मनाक करतूत” प्रशासन के लिए बड़ी मुसीबत बन गई और स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, अयोध्या के महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी और स्थानीय विधायक वेद प्रकाश गुप्ता दोनों ने तत्काल कार्रवाई की। नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी मुकेश पाण्डेय ने बताया कि महापौर ने वायरल वीडियो का स्वतः संज्ञान (suo motu cognizance) लिया और अपर नगर आयुक्त को जांच सौंप दी है।
प्राथमिक जांच में, तीन कर्मचारियों को दोषी पाया गया है, और उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है। PRO मुकेश पाण्डेय ने स्पष्ट किया कि जांच प्रक्रिया में 72 घंटे का समय दिया गया है, जिसमें आरोपी अपना पक्ष रख सकते हैं। साथ ही, इस घटना के पीड़ितों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे, हालांकि अब तक किसी पीड़ित ने आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह व्यवहार अयोध्या की मर्यादा के खिलाफ है। गुप्ता ने जोर देकर कहा कि प्रवर्तन दल का मूल काम जनता की सेवा करना है, न कि उनका अपमान। उन्होंने छोटे दुकानदारों को शहर की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया और स्पष्ट किया कि उनका उत्पीड़न (oppression) बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विधायक ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।
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इस बीच, मामला और गंभीर हो गया है क्योंकि न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी ने भी स्वतः संज्ञान लिया है। अवस्थी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वीडियो में कुछ नाबालिग बच्चे भी दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने पुष्टि की कि अगर जांच में नाबालिगों के साथ दुर्व्यवहार की पुष्टि होती है, तो कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी।