ग्वालियर सास बहू मंदिर (सौ. सोशल मीडिया)
भारत की धरती पर हजारों मंदिर अपनी ऐतिहासिक, धार्मिक और वास्तुकला की दृष्टि से अलग पहचान रखते हैं। इन्हीं में से एक है मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित “सास बहू मंदिर”, जो न सिर्फ अपने नाम बल्कि अपनी अनोखी कहानी और कलात्मकता के लिए भी प्रसिद्ध है।
यह मंदिर सास और बहू के रिश्ते पर आधारित नहीं है, जैसा कि नाम से प्रतीत होता है, बल्कि इसके पीछे छुपी है एक दिलचस्प ऐतिहासिक कथा और अद्वितीय स्थापत्य शैली है। आइए जानें क्या है इस मंदिर का रहस्य, और क्यों यह आज भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
ग्वालियर में मौजूद इस मंदिर को सहस्त्रबाहु मंदिर भी कहा जाता है। यह मध्य प्रदेश के ग्वालियर किले के अंदर स्थित है। प्राचीन और ऐतिहासिकता के लिए प्रसिद्ध यह मंदिर 11वीं शताब्दी में बनाया गया था। इसका निर्माण कच्छपघात वंश के राजा महिपाल ने करवाया था। मूल रूप से यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।
इसके परिसर में दो मंदिर हैं जिसमें से एक बड़ा और दूसरा छोटा है। लोगों ने बड़े मंदिर को सास और छोटे मंदिर को बहू कहना शुरू कर दिया। इस मंदिर की वास्तुकला बहुत ही भव्य और आकर्षक है। इसे नागर शैली में बनाया गया है। जिसमें देवी देवताओं, पौराणिक अवतार और आकृतियों की प्रतिमा उकेरी गई हैं।
इसके मुख्य मंदिर में गर्भगृह, सभा मंडप और प्रदक्षिणा पथ है। जिसपर सुंदर नक्काशी की गई है। इस बेहद शानदार मंदिर को घूमने का प्लान किया जा सकता है। इस मंदिर की सुंदरता और भव्यता को देखकर कहा जा सकता है कि यह भारत के खूबसूरत मंदिरों में से एक है।
यहां पर पहुंचने के लिए आपको ग्वालियर रेलवे स्टेशन आना होगा। जहां से आप ऑटो या रिक्शा करके ग्वालियर के किले पर जा सकते हैं। यहां पर घूमने के लिए मानसून या सर्दी का समय बहुत ही बेहतरीन है क्योंकि इस समय गर्मी नहीं होती है। इस मंदिर को परिवार या दोस्तों के साथ एक्सप्लोर किया जा सकता है। साथ ही यह किले में मौजूद है तो ग्वालियर के किले को भी देखा जा सकता है।
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