पारो (सौजन्य-सोशल मीडिया)
नवभारत डेस्क: भूटान देश प्रकृति से घिरा हुआ है। जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ पवित्र स्थलों के लिए भी जाना जाता है। इसी भूटान में एक सुंदर शहर है पारो। जी हां सही सुना पारो। ये देवदास फिल्म की पारो नहीं बल्कि एक भूटान का एक नगर है। पारो एक भूटान का एक ऐतिहासिक नगर है।
पारो घाटियों के बीच स्थित एक नगर है। इसलिए ये उन पर्यटकों के लिए घूमने की बिल्कुल बेस्ट जगह है जो नेचर से जुड़ी जगहों पर जाना पसंद करते है। नेचर लवर के लिए पारो में बेहद ही खूबसूरत घाटियां है और कई पवित्र स्थल और ऐतिहासिक इमारतें है जिनकी अनोखी डिजाइन है जो किसी भी आम जगहोें पर देखने को नहीं मिलते।
पारो (सौजन्य-सोशल मीडिया)
पारो जाने का बेस्ट समय मार्च से मई के बीच है। इस समय को वहां पीक सीजन होता है क्योंकि वसंत ऋतु में पारो टूर के लिए एक बेस्ट चॉइस है। इस दौरान यहां पारो की घाटी में हरे-भरे फूल पौधे पूरी तरह से खिले होते है और नदियों का प्रवाह भी शांत होता है। इस समय पारो का औसत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास होता है। आसमान साफ और बारिश भी कम होती है।
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बारिश के शौकीन पर्यटक जून से अक्टूबर तक यहां जा सकते है। यह रोमांच पसंद करने वालों के लिए भी एक आदर्श समय है क्योंकि अक्टूबर को ट्रेकिंग के लिए सबसे अच्छा महीना माना जाता है।
हवाई मार्ग से – भारत से पारो पहुंचने के लिए आप हवाई मार्ग से सीधे उड़ान ले सकते है। दिल्ली, कोलकाता, गुवाहाटी और गया सहित कई शहर पारो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए सीधी उड़ानें उपलब्ध कराता हैं। इन उड़ानों में पहुंचने में लगभग 2 घंटे लगते हैं।
जंग्त्सा डुमत्सेग लखांग मंदिर एक विशाल 15वीं शताब्दी का बौद्ध मठ है। इस बौद्ध मंदिर का निर्माण यहां के स्थानीय संत थांगटोंग ग्यालपो ने किया था। जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने एक राक्षसी की कब्र पर इस आकर्षण की स्थापना की थी। यहां आपको आकर्षक लोक कथाएं, अंधविश्वास और आध्यात्मिक कहानियां भी सुनने मिलेगी।
चेले ला दर्रा भूटान की सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क के रूप में प्रसिद्ध है और शहर के सबसे रोमांचकारी स्थानों में से एक है। चेले ला तक पहुंचने के लिए कई भयानक मोड़ और ढलानों से गुजरना पड़ता है। समुद्र तल से 3,988 मीटर ऊपर स्थित यह दर्रा ट्रैकिंग, हाइकिंग और दर्शनीय स्थलों के लिए काफी फेमस है। यह प्राकृतिक आश्चर्य पारो से 35 किलोमीटर की दूरी पर है और यहां हर रोज बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।
चेले ला दर्रा (सौजन्य-सोशल मीडिया)
पारो में ताकत्संग या टाइगर नेस्ट एक भव्य बौद्ध पूजा स्थल है। भूटान की पारो घाटी से 10,240 फीट की ऊचाई पर स्थित इस मंदिर में बेहद सोच समझकर पहाड़ी मार्ग से पहुंचा जा सकता है। आपस में जुड़ी इमारतों और चट्टानी सीढ़ियों के साथ, टाइगर नेस्ट एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
टाइगर नेस्ट (सौजन्य-सोशल मीडिया)
एयरपोर्ट व्यू पॉइंट पर पारो घाटी के मनमोहक दृश्य देखने को मिलते हैं। यह पॉइंट, जो पारो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद आपका पहला आकर्षण है, पूरे क्षेत्र का बेजोड़ दृश्य प्रस्तुत करता है। यहां तो आप आसानी से पहुंचकर बहती नदियों, विचित्र घरों और कभी न खत्म होने वाली हरियाली वाले पहाड़ों के शांत वातावरण का आनंद ले सकते है।
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पारो वीकेंड मार्केट यहां का सबसे मशहूर मार्केट है। यहां भूटानी लोगों की पारंपरिक वेशभूषा से लेकर यहां के स्थानीय व्यंजनों का लुत्फ़ उठा सकते है। यहां आप पारो की विशेष स्मारिकाएं और ओरिजनल भूटानी सामान जैसे कि टिकटें और हाथ से बने प्रार्थना चक्र खरीद सकते है।