भारत में खलनायकों के मंदिर (सौ. डिजाइन फोटो)
Indian Temple of villains: भारत में प्राचीन मंदिरों का खास स्थान है इसके लिए चारों दिशाओं में किसी ना किसी देवता को समर्पित मंदिर है। भारत में धार्मिक प्रवृति के लोगों के साथ ही विविधताएं देखने के लिए मिलती है। यहां पर भगवान के मंदिर तो है हर जगह आपको देखने के लिए मिल जाएंगे लेकिन क्या आपने कभी हिंदू धर्म में जाना जाने वाले क्रूर राक्षस औऱ खलनायकों के मंदिर देखे है। इन मंदिरों में से आज हम महाभारत के कुछ खलनायकों के मंदिरों के बारे में बता रहे है जो देश में स्थित है। इन्हें देखना चाहते हैं तो पढ़िए लेख की जानकारी।
आप यहां पर खलनायकों के इस मंदिर को घूमने का प्लान आप कर सकते है।
भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में महाभारत के एक पात्र शकुनी मामा का मंदिर भी देश में स्थित है यह मंदिर के केरल के कोल्लम में है। इस मंदिर की स्थापना केरल के एक कुरवा समुदाय ने किया है जहां पर पवित्रेश्वरम में उसे सम्मानित करने के लिए एक मंदिर का निर्माण किया। इस मंदिर को देखने जाने के लिए आप इन तरीकों से मंदिर पहुंच सकते है।
कैसे पहुंचे शकुनी मंदिर
ट्रेन- ये मंदिर कोल्लम जिले में आता है. इसलिए आपको यहां के लिए सीधी ट्रेन मिल जाएगाी. आप केरल एक्सप्रेस या तिरुवनंतपुरम राजधानी ट्रेन से यहां जा सकते हैं.
हवाई जहाज- अगर आप फ्लाइट से जाना चाहते हैं तो आप त्रिवेंद्रम की फ्लाइट लें. उसके बाद आप बस या लोकल ट्रेन से इस मंदिर में जा सकते हैं.
महाभारत की एक औऱ पात्र कौरवों की मां और शकुनी मामा की बहन गांधारी का मंदिर भी घूमने के लिए जाना जाता है।गांधारी का मंदिर मैसूर में करीब ढाई करोड़ की लागत से 2008 में बनवाया गया था। पति धृतराष्ट के अंधे होने की वजह से यह भी अंधी रहकर जीवन गुजारा लेकिन स्वभाव नकारात्मक रहा।
कैसे पहुंचे गांधारी मंदिर
यहां जाने के लिए आपको सबसे पहले मैसुरु जाना होगा. इसके लिए आपको सीधी ट्रेन या फ्लाइट भी मिल जाएगी. इसके बाद आप टैक्सी करके नंजागुड जाएं, जहां ये मंदिर स्थित है।
खलनायकों के मंदिर (सौ.सोशल मीडिया)
महाभारत का एक और पात्र क्रूर दुर्योधन था इसका मंदिर भी आपको भारत में देखने के लिए मिल जाएगा। केरल के पोरुवाझी, कोल्लम में पेरुवती मलानाडा मंदिर दुर्योधन को समर्पित है, ये शकुनि मंदिर के पास ही मौजूद है। खास बात है कि इस मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है बल्कि केवल एक चबूतरा है जहां पर देवता को ताड़ी के अलावा सुपारी, मुर्गा और लाल कपड़ा चढ़ाया जाता है।
बताते चलें कि, उत्तरकाशी में पांडवों के दुश्मन कर्ण का मंदिर है. वैसे तो इन्हें दानवीर और सूर्य भगवान के पुत्र के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन उन्होंने युद्ध में कौरवों की ओर से लड़ाई की थी। इसलिए वह भी खलनायक माने जाते हैं. यहां मनोकामना पूरी होने पर मंदिर की दीवारों पर सिक्के फेंके जाते हैं।
कैसे पहुंचे
यहां जाने के लिए आप ट्रेन या फ्लाइट से देहरादून जाएं. आगे आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट से उत्तरकाशी पहुंच सकते हैं.