अगर आप कश्मीर जानें का प्लान बना रहे है तो कहीं-न-कहीं श्रीनगर की खास जगहों का जिक्र तो आया ही होगा। लेकिन क्या उसमें श्रीनगर की ये जगहें शामिल है। नहीं तो अभी इन जगहों के बारे में भी जाने और अपने कश्मीर टूर में इन जगहों को भी शामिल करें।
श्रीनगर (सौजन्य-सोशल मीडिया)
डल झील - डल झील श्रीनगर में देवदार के हरे-भरे वनों के बीच का घिरी हुई है जो बहुत ही सुंदर दिखाई देती है। श्रीनगर का टूर इस जगह के बिना अधूरा है। डल झील ठंडे मौसम के बीच अपनी सुंदरता के लिए बड़ा मशहूर है। डल झील जाने पर वहां पर आसपास का क्षेत्र का प्राकृतिक स्वर्ग की तरह प्रतीत होता है।
ट्यूलीप गार्डन - श्रीनगर का ट्यूलिप गार्डन एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन है। ये गार्डन अपनी सुंदरता से कई टूरिस्टों को आकर्षित करता है। ये गार्डन राजसी ज़बरवान रेंज की पृष्ठभूमि में सीढ़ीदार ढलानों पर फैले रंग-बिरंगे ट्यूलिप के साथ फैला हुआ है। इस गार्डन में कई रंगों के ट्यूलीप मौजूद है जो आमतौर पर दिखाई नहीं देते।
परी महल - परी महल का निर्माण मुगल राजकुमार दारा शिकोह ने 1600 के दशक के मध्य में करवाया था। जो घूमने के लिए एक अनोखी जगह है। यह उनके लिए एक पुस्तकालय और निवास स्थान के रूप में काम करता था। कहा जाता है कि दारा शिकोह 1640, 1645 और 1654 में इस क्षेत्र में रहा था।
नागिन झील - नागिन झील जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर शहर की डल झील से लगभग 6 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। आसपास के क्षेत्र में इसे 'ज्वैल इन द रिंग' के नाम से जाना जाता है, जो चारों तरफ से पेड़ों से घिरी हुई है। नागिन झील 'डल झील' से सिर्फ एक पतले सेतु द्वारा अलग है। झील के किनारे पर एक बार और एक चाय पवेलियन भी मौजूद है, जिसे 'नागिन क्लब' कहा जाता है।
चश्मा शाही - चश्मा शाही का मतलब होता है शाही झरना। यह जगह भी मुगलों के गार्डन में से एक है जिसे 1632 ई. में मुगल सम्राट शाहजहां के एक गवर्नर अली मर्दन खान ने सम्राट के आदेशानुसार अपने बड़े बेटे राजकुमार दारा शिकोह के लिए एक उपहार के रूप में एक झरने के चारों ओर बनवाया था। यह गार्डन श्रीनगर, कश्मीर में डल झील के सामने राज भवन (गवर्नर हाउस) के पास ज़बरवान रेंज में स्थित है।
शालीमार गार्डन - शालीमार गार्डन को श्रीनगर का मुकुट कहा जाता है। शालीमार बाग श्रीनगर में एक मुगल गार्डन है। इसे शालीमार गार्डन, शालीमार बाग, फराह बख्श और फैज बख्श नाम से भी जाना जाता हैं। इस बाग का निर्माण मुगल सम्राट जहांगीर ने अपनी पत्नी नूरजहां के लिए 1619 में करवाया था। आज ये एक सार्वजनिक पार्क है।