कश्मीर ऑफबीट जगहें (सौ. फ्रीपिक)
Kashmir Offbeat Places: कश्मीर में सर्दियों का मौसम इस क्षेत्र को उसके मूल स्वरूप में बदल देता है। सड़कें सुनसान हो जाती हैं आवागमन धीमा हो जाता है और जो स्थान साल भर व्यस्त रहते हैं वे सन्नाटे में डूब जाते हैं। हालांकि श्रीनगर और गुलमर्ग सर्दियों में पर्यटकों को आकर्षित करते रहते हैं लेकिन इन शहरों से परे एक बिल्कुल अलग कश्मीर का नजारा देखने को मिलता है। बर्फ परिदृश्य को नया रूप दे देती है। दिनचर्या दिन के उजाले के अनुसार चलने लगती है और यात्रा में हलचल की बजाय शांति का अनुभव अधिक होता है।
कश्मीर में कुछ अलग विंटर एक्पीरियंस करना है तो कुछ ऑफबीट जगहों का प्लान कर सकते हैं। कम लोग और जीवंत वातावरण से घिरा आसपास का दृश्य बहुत ही अद्भुत होता है।
सर्दियों के मौसम में गुरेज घाटी बाहरी दुनिया से कट जाती है और फिर सन्नाटा छा जाता है। लकड़ी के घर भारी बर्फ के नीचे दबे रहते हैं नदी के कुछ हिस्से जम जाते हैं और पतली हवा में आवाज़ अलग तरह से सुनाई देती है। हब्बा खातून चोटी क्षितिज पर छाई रहती है और सन्नाटे के कारण इसकी भव्यता और भी बढ़ जाती है।
सर्दियों में युसमार्ग विशाल और शांत लगता है। बर्फ से ढका घास का मैदान दूर तक फैला हुआ है जिसके चारों ओर चीड़ के जंगल हैं जो हवा और शोर को रोकते हैं। यहाँ परंपरागत रूप से करने के लिए कुछ खास नहीं है और यही इसकी खासियत है। लंबी-लंबी विश्रामों के बीच पैदल चलना ही मुख्य गतिविधि बन जाती है।
यह भी पढ़ें:- क्रिसमस और न्यू ईयर पर कुछ अलग करने का है प्लान, तो जरूर करें रण ऑफ कच्छ की जादुई यात्रा
सर्दियों के दौरान अरु घाटी का नज़ारा बेहद खूबसूरत और सिनेमाई लगता है। छतों और पगडंडियों पर बर्फ जम जाती है नदियाँ बीच में ही जम जाती हैं और आसपास की चोटियाँ घाटी को घेरे रहती हैं। पहलगाम के पास होने के बावजूद अरु घाटी काफ़ी शांत रहती है खासकर सर्दियों के महीनों में।
सर्दियों में अहरबल जलप्रपात का रूप बदल जाता है गति से लेकर आकार तक। तापमान गिरने से जलप्रपात के कुछ हिस्से जम जाते हैं जिससे चट्टानी सतह पर बर्फ की आकृतियाँ बन जाती हैं। जलप्रपात के चारों ओर बर्फ से ढके जंगल शांति की अनुभूति को और भी गहरा कर देते हैं।
दूधपथरी के विशाल घास के मैदान सर्दियों में अपनी हरियाली खो देते हैं लेकिन एक सौम्य आभा पाते हैं। बर्फ से पूरा इलाका समतल हो जाता है जमी हुई नदियाँ सफेद चादर में दब जाती हैं और घाटी मानो हवा में तैरती हुई सी लगती है। यहाँ की शांति कठोर नहीं बल्कि सौम्य है।