आंध्र प्रदेश समुद्री तट (सौ. सौशल मीडिया)
अमरावती: भारत में घूमने के लिए अक्सर सरकार कुछ जगहों के लिए प्रवेश शुल्क तय करती है। जिससे उस जगह को बेहतर ढंग से संचालित किया जा सके। हालांकि समुद्री तट पर घूमने के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ता था। लेकिन अब आंध्र प्रदेश पर्यटन विभाग ने राज्य के कुछ फेमस सुमद्र तटों यानी बीचों पर प्रवेश शुल्क शुरू करना का निर्णय लिया है। पर्यटन विभाग के अनुसार यह योजना राज्य में 1 जनवरी 2025 से लागू होगी। जिसके बाद लोगों को बीच पर घूमने के लिए प्रवेश शुल्क देना होगा। इससे पर्यटन के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही स्वच्छता भी बनी रहेगी।
आंध्र प्रदेश भारत की खूबसूरत जगहों में से एक है। यहां पर कई प्रसिद्ध समुद्र तट हैं। जिसमें माईपाडु समुद्र तट, काकीनाडा बीच, रामायपट्टनम समुद्र तट, रुशिकोंदा बीच, सूर्यलंका बीच पर शुल्क लिया जाएगा। इन बीचों की खूबसूरती सबसे निराली है। रोजाना इन बीचों पर औसतन तीन हजार से ज्यादा पर्यटक आते हैं वहीं वीकेंड पर इनकी संख्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है। जिसकी वजह से पर्यटकों को यहां पर घूमने के लिए अब 15 से 20 रुपए का प्रवेश शुल्क देना होगा। इस प्रवेश शुल्क से बीचों का विकास बेहतर ढंग से हो सकेगा।
जानकारी के अनुसार आंध्र प्रदेश के इन बीचों पर वसूला जाने वाला प्रवेश शुल्क समुद्र तटों की सफाई बनाए रखने के लिए किया जाएगा। इन सुंदर बीचों को संरक्षित करने और पर्यटकों को ज्यादा से ज्यादा आकर्षित करने के लिए नियमित रूप से रखरखाव की जरूरत पड़ती है। ऐसे में सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला बीचों के सतत विकास को बढ़ावा दे सकता है।
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इसके अलावा बीचों से मिलने वाले राजस्व का एक हिस्सा समुद्र तटों पर बुनियादी ढांचे को सुधारने में खर्च किया जाएगा। जिससे लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। साथ ही बेहतर सड़कें और पर्यटकों को अच्छी सुविधा मिल सकेगी। कहा जा रहा है कि पर्यटन विभाग ने अनुमान लगाया है कि बीचों पर लगाए जाने वाले इस प्रवेश शुल्क से समुद्री तटों पर बड़ी संख्या में पर्यटकों को प्रबंधित करने में मदद मिल सकेगी।