Telegram में आपके डेटा के साथ हो रहा खिलवाड़। (सौ. Freepik)
आज के दौर में जहां ऐप्स अपनी सिक्योरिटी और यूजर प्राइवेसी को लेकर बड़े-बड़े वादे करते हैं, वहीं हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट ने इन दावों की पोल खोल दी है। टू-स्टेप वेरिफिकेशन जैसे फीचर्स को यूजर सेफ्टी की गारंटी बताया जाता है, लेकिन क्या ये वाकई पर्याप्त हैं? अगर आपको लगता है कि हां, तो आपको इस रिपोर्ट को जरूर पढ़ना चाहिए।
Digit द्वारा की गई एक रिसर्च में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि टेलीग्राम का एक बॉट भारतीय नागरिकों की बेहद संवेदनशील जानकारियों की बिक्री कर रहा है। इस बॉट का नाम भले ही रिपोर्ट में सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन यह जानकारी जरूर सामने आई है कि इस बारे में एक टिप मिलने के बाद इसकी जांच शुरू की गई।
रिपोर्ट के अनुसार, यह बॉट नाम, पिता का नाम, मोबाइल नंबर, पता, आधार नंबर, पैन कार्ड नंबर और वोटर आईडी जैसी अहम जानकारियों को सिर्फ एक मोबाइल नंबर के आधार पर उजागर कर रहा है। और इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि यह डेटा महज ₹99 से ₹4999 तक के प्लान में उपलब्ध है।
यूजर जैसे ही प्लान खरीदता है, बॉट उससे 10 अंकों का मोबाइल नंबर मांगता है। इसके तुरंत बाद, केवल दो सेकंड में, व्यक्ति की पूरी प्रोफाइल – नाम, वैकल्पिक मोबाइल नंबर, पता और सभी डॉक्यूमेंट्स की डिटेल – स्क्रीन पर दिख जाती है। यह स्थिति न केवल टेलीग्राम की सिक्योरिटी पर सवाल खड़े करती है, बल्कि ऐप डेवलपर्स की जिम्मेदारी पर भी उंगली उठाती है। “यह रिपोर्ट सोचने पर मजबूर करती है कि क्या ऐप बनाने वाली कंपनियों के पास हमारा डेटा वास्तव में सुरक्षित है?” – Digit रिपोर्ट
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इस खुलासे से एक बात तो स्पष्ट है – सिर्फ टू-स्टेप वेरिफिकेशन जैसे फीचर्स से डिजिटल दुनिया में प्राइवेसी की गारंटी नहीं दी जा सकती। यूजर्स को सतर्क रहने और ऐप्स की सुरक्षा नीतियों को लेकर और ज्यादा जागरूक होने की जरूरत है।