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सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट कीमतों के नियंत्रण की याचिका खारिज, कहा- उपभोक्ताओं के पास कई विकल्प

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं के पास कई इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) विकल्प उपलब्ध हैं, इसलिए न्यायिक दखल की जरूरत नहीं है।

  • By सिमरन सिंह
Updated On: Feb 24, 2025 | 08:48 PM

Internet को लेकर क्या है सुर्पिम कोर्ट का फैसला। (सौ. iStock)

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नवभारत टेक डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इंटरनेट सेवाओं की कीमतों को रेगुलेट करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं के पास कई इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) विकल्प उपलब्ध हैं, इसलिए न्यायिक दखल की जरूरत नहीं है।

फ्री मार्केट में दखल देना उचित नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुनवाई के दौरान बेंच ने स्पष्ट किया कि इंटरनेट सेवाएं एक फ्री मार्केट का हिस्सा हैं, जहां उपभोक्ता अपनी पसंद के अनुसार सेवा चुन सकते हैं। अदालत ने कहा, “यह एक मुक्त बाजार है। यहां ग्राहकों के पास बीएसएनएल, एमटीएनएल और अन्य निजी सेवा प्रदाता जैसे कई विकल्प हैं।”

याचिकाकर्ता रजत ने आरोप लगाया कि भारतीय इंटरनेट बाजार में रिलायंस जियो और एयरटेल का दबदबा है और कीमतों को नियंत्रित करने की जरूरत है। इस पर कोर्ट ने सुझाव दिया कि यदि वह कॉम्पिटीशन लॉ के तहत इसे चुनौती देना चाहते हैं, तो उन्हें कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के पास शिकायत दर्ज करनी चाहिए।

याचिकाकर्ता के लिए अन्य कानूनी विकल्प खुले

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता अगर इस मुद्दे पर उचित वैधानिक प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ना चाहता है, तो वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है।

भारतीय टेलिकॉम सेक्टर में जियो का वर्चस्व

भारतीय टेलिकॉम इंडस्ट्री में रिलायंस जियो सबसे बड़ी सेवा प्रदाता बनी हुई है। टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-2024 में भारत के कुल इंटरनेट ग्राहकों में 50.40% हिस्सेदारी रिलायंस जियो के पास थी।

इसके बाद भारती एयरटेल 30.47% शेयर के साथ दूसरे स्थान पर रही, जबकि अन्य कंपनियों की हिस्सेदारी इससे काफी कम रही।

देश में इंटरनेट ग्राहकों की संख्या में तेजी से वृद्धि

TRAI की वार्षिक रिपोर्ट 2023-2024 के मुताबिक, मार्च 2024 के अंत तक भारत में कुल इंटरनेट ग्राहकों की संख्या 954.40 मिलियन (95.44 करोड़) तक पहुंच गई। यह मार्च 2023 में दर्ज 881.25 मिलियन (88.12 करोड़) ग्राहकों की तुलना में 8.30% अधिक है।

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सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि इंटरनेट सेवाओं की कीमतों को रेगुलेट करना उसका कार्यक्षेत्र नहीं है और यह बाजार प्रतिस्पर्धा का मामला है। यदि कोई व्यक्ति इंटरनेट सेवा प्रदाताओं द्वारा मूल्य निर्धारण में गड़बड़ी या कार्टेलाइजेशन का दावा करता है, तो उसे कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) का दरवाजा खटखटाना चाहिए।

Supreme court rejects plea for internet price control says consumers have many options

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Published On: Feb 24, 2025 | 08:48 PM

Topics:  

  • Reliance Jio
  • Supreme Court

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