Starlink कब होगा भारत में लॉन्च। (सौ. Pixabay)
Starlink India Launch: Elon Musk की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink जल्द ही भारत में अपनी सेवाओं की शुरुआत करने जा रही है। कंपनी को लगभग सभी आवश्यक सरकारी मंजूरियां मिल चुकी हैं और अब अंतिम चरण में सिर्फ SATCOM की अनुमति और स्पेक्ट्रम अलॉटमेंट बाकी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्रक्रिया वर्ष 2025 के अंत तक पूरी हो जाएगी, जिसके बाद जनवरी या फरवरी 2026 में Starlink की हाई-स्पीड इंटरनेट सर्विस देशभर में शुरू होने की संभावना है।
Starlink ने भारत में अपनी लॉन्चिंग की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक, सैटेलाइट कम्युनिकेशन (SATCOM) की अनुमति और स्पेक्ट्रम अलॉटमेंट मिलते ही कंपनी औपचारिक रूप से अपनी सेवा शुरू कर सकेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण इलाकों में जहां पारंपरिक नेटवर्क की पहुंच नहीं है, वहां Starlink डिजिटल कनेक्टिविटी की दिशा में एक बड़ी छलांग साबित होगी।
भारत सरकार ने Starlink को देश में अधिकतम 20 लाख कनेक्शन देने की अनुमति दी है। इसका अर्थ है कि शुरुआती चरण में यह सेवा सीमित उपयोगकर्ताओं तक ही उपलब्ध होगी। कंपनी की योजना है कि पहले ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में सेवा शुरू की जाए, जहां फाइबर या ब्रॉडबैंड नेटवर्क नहीं पहुंच पाते।
Starlink इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को एक बार का सेटअप चार्ज लगभग ₹30,000 देना होगा। इसके बाद हर महीने की सब्सक्रिप्शन फीस ₹3,300 से शुरू हो सकती है। हालांकि यह पारंपरिक ब्रॉडबैंड सर्विस की तुलना में महंगी है, लेकिन दूरदराज इलाकों के लोगों के लिए यह एकमात्र भरोसेमंद और तेज़ विकल्प साबित हो सकता है।
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कंपनी का दावा है कि भारत में 25 Mbps से 225 Mbps तक की स्पीड मिलेगी। बेसिक प्लान में यूजर्स को 25 Mbps की स्पीड प्राप्त होगी, जबकि प्रीमियम या बिजनेस प्लान में यह स्पीड 225 Mbps तक जा सकती है। यह सेवा खासकर उन क्षेत्रों के लिए तैयार की गई है जहां पारंपरिक नेटवर्क मौजूद नहीं हैं। हालांकि शहरी क्षेत्रों में यह स्पीड औसत मानी जा सकती है, लेकिन ग्रामीण इलाकों के लिए यह एक तकनीकी क्रांति जैसी साबित हो सकती है।
Starlink की एंट्री से भारत के डिजिटल इंडिया मिशन को नया बल मिलेगा। सैटेलाइट इंटरनेट के जरिए देश के हर कोने में हाई-स्पीड कनेक्टिविटी पहुंचाना अब संभव होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम शिक्षा, स्वास्थ्य और ई-गवर्नेंस सेवाओं को भी गति देगा।