Solar Systemमें एक नए ग्रह के बारें में जानकारी सामने आई है। (सौ. Freepik)
नवभारत डिजिटल डेस्क. सौरमंडल में कई ऐसे रहस्य हैं, जो आज भी वैज्ञानिकों के लिए चुनौती बने हुए हैं। इनमें से एक प्रमुख रहस्य है “प्लैनेट 9” या “प्लैनेट X”, जो लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह ग्रह नेप्च्यून के बाद काइपर बेल्ट में स्थित हो सकता है, लेकिन इस ग्रह के अस्तित्व को लेकर अभी तक कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल सके हैं।
प्लैनेट 9 के बारे में खगोलविदों का अनुमान है कि यह एक सुपर-अर्थ ग्रह हो सकता है, जिसका द्रव्यमान पृथ्वी से 5 से 7 गुना अधिक हो सकता है। यह ग्रह हर 10,000 से 20,000 साल में एक बार सूर्य की परिक्रमा करता है। हालांकि, इसके अस्तित्व को लेकर वैज्ञानिकों में बहस चल रही है। कुछ वैज्ञानिक इसे वास्तविक मानते हैं, जबकि कुछ इसे केवल एक कल्पना मानते हैं।
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प्लैनेट 9 के अस्तित्व पर बहस के बीच, नासा की वेरा सी. रुबिन वेधशाला ने वैज्ञानिकों को नई उम्मीद दी है। यह वेधशाला 2025 के अंत तक चिली में काम करना शुरू करेगी, और इसके पास आकाश का सर्वे करने की क्षमता होगी। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वेधशाला प्लैनेट 9 के अस्तित्व की पुष्टि या खंडन करने के लिए निर्णायक सबूत प्रदान कर सकती है।
यदि प्लैनेट 9 का पता चलता है, तो यह सौरमंडल और ग्रहों के निर्माण की प्रक्रिया को समझने में हमारी मदद करेगा। वहीं, अगर कोई प्रमाण नहीं मिलता है, तो यह काइपर बेल्ट में मौजूद वस्तुओं की असामान्य कक्षाओं को लेकर वर्तमान सिद्धांतों को चुनौती देगा।
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प्लैनेट 9 के अस्तित्व का दावा सौरमंडल के नौंवे ग्रह के रूप में किया जा रहा है, जिसे पहले प्लूटो माना जाता था। हालांकि, कुछ साल पहले प्लूटो को डार्फ प्लैनेट की श्रेणी में डाल दिया गया था। अब वैज्ञानिकों का मानना है कि सौरमंडल में एक बड़ा ग्रह हो सकता है, जिसे प्लैनेट 9 कहा जा रहा है।