AI के जरिए होगी कर्ज की वसूली। (सौ. AI)
AI Agent Debt Recovery: देश में बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने कर्ज वसूली के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लेना शुरू कर दिया है। अब यदि कोई ग्राहक समय पर EMI का भुगतान नहीं करता, तो उसे सीधे AI एजेंट की ओर से कॉल या मैसेज मिलेगा। इस नई पहल का उद्देश्य बैंकों का खर्च कम करना और बकाया रकम की वसूली को आसान व तेज़ बनाना है।
जानकारी के अनुसार, जिन ग्राहकों से किस्त का भुगतान छूट जाता है, उन्हें एक AI-जनित अवतार से वीडियो कॉल आ सकती है। ये AI एजेंट बैंक प्रतिनिधि, वकील या अन्य स्वरूप में दिखाई दे सकते हैं। उनका एकमात्र मकसद ग्राहकों को किस्त चुकाने के लिए प्रेरित करना होगा। विशेष बात यह है कि ये एजेंट विनम्र बने रहने और सीमाओं का उल्लंघन न करने के लिए प्रोग्राम किए गए हैं। हालांकि, जरूरत पड़ने पर ये कानूनी भाषा का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सबसे बड़ी ताकत यह है कि ये 24 घंटे लगातार काम कर सकते हैं और बेहद कम खर्च में हजारों ग्राहकों तक पहुंच सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, कई बड़े निजी बैंक और वित्तीय संस्थाएं इस सिस्टम को अपना चुकी हैं। आईटी कंपनियां उन्हें “AI Bot” उपलब्ध करा रही हैं। इनकी मदद से ग्राहक आधार तक पहुंचना आसान और किफायती हो गया है। फिलहाल, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक इस तकनीक को अपनाने पर विचार कर रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक मानव रिकवरी एजेंट महीने में करीब 250 मामलों को ही संभाल पाता है। वहीं, AI एजेंट उससे 20 गुना ज्यादा कॉल कर सकता है और यह प्रक्रिया मानव एजेंट की तुलना में 40-60% तक सस्ती पड़ती है। एक बैंक अधिकारी ने कहा, “AI एजेंट के जरिए ग्राहकों से समय पर संपर्क करना आसान हो गया है। इससे बकाया रकम फंसने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है।”
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विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह प्रणाली ग्राहकों के लिए सुविधाजनक जरूर है, लेकिन उन्हें सतर्क रहना होगा। अगर किसी को वीडियो कॉल या मैसेज मिलता है, तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि कॉल वाकई बैंक की ओर से है और किसी धोखाधड़ी करने वाले का नहीं।
बैंकों द्वारा AI एजेंट के इस्तेमाल से कर्ज वसूली का तरीका बदल रहा है। यह प्रणाली जहां खर्च कम कर रही है, वहीं ग्राहकों तक तेजी से पहुंच भी बना रही है। हालांकि, सतर्क रहना हर ग्राहक की जिम्मेदारी है ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सके।