Google का नया फैसला जो होगा जरूरी। (सौ. Freepik)
Google Developer Verification: Google ने यूजर्स की सुरक्षा (User Safety) को ध्यान में रखते हुए एक अहम कदम उठाने का ऐलान किया है। अब तक एंड्रॉयड यूजर्स को किसी भी सोर्स से ऐप डाउनलोड करने की सुविधा थी, जो गूगल को एप्पल से अलग बनाती थी। लेकिन यह सुविधा अब बदलने जा रही है। कंपनी ने पुष्टि की है कि अगले साल से नया नियम लागू होगा, जिसके बाद यूजर्स अनवेरिफाइड डेवलपर्स की ऐप्स इंस्टॉल नहीं कर पाएंगे।
गूगल अब डेवलपर वेरिफिकेशन प्रोग्राम लॉन्च करने जा रही है। इस प्रोग्राम के तहत हर एंड्रॉयड डेवलपर को अपनी पहचान वेरिफाई करवानी होगी। वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद ही डेवलपर्स को सर्टिफाइड एंड्रॉयड डिवाइसेस पर ऐप इंस्टॉल करने की अनुमति मिलेगी।
अगर कोई डेवलपर वेरिफिकेशन प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेता, तो वह गूगल डिवाइसेस के लिए ऐप्स तैयार या ऑफर नहीं कर पाएगा। फिलहाल यह सिस्टम केवल प्ले स्टोर पर ऐप लिस्ट करने तक सीमित है, लेकिन आगे चलकर गूगल थर्ड-पार्टी डेवलपर्स को भी वेरिफाई करेगा। यानी, प्ले स्टोर के अलावा दूसरे सोर्सेस पर ऐप ऑफर करने वाले डेवलपर्स को भी इस प्रक्रिया से गुजरना होगा।
गूगल का नया नियम उन सभी स्मार्टफोन्स पर लागू होगा, जिनमें गूगल प्री-इंस्टॉल्ड सर्विसेस मौजूद रहती हैं। वहीं, जिन डिवाइसेस में गूगल सर्विसेस उपलब्ध नहीं हैं, वे इस नियम के दायरे से बाहर होंगे।
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गूगल ने जानकारी दी है कि इस प्रोग्राम के लिए एक एंड्रॉयड डेवलपर्स कंसोल तैयार किया जा रहा है, जहां डेवलपर्स अपना वेरिफिकेशन करवा सकेंगे।
गूगल का यह कदम एंड्रॉयड इकोसिस्टम को और ज्यादा सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव है। “यूजर्स को अब केवल वेरिफाइड और सुरक्षित ऐप्स ही मिल पाएंगी, जिससे फ्रॉड ऐप्स और डेटा चोरी का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा।”