Google Big sleep कैसे करता है काम। (सौ. Freepik)
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब केवल डेटा प्रोसेसिंग और चैटबॉट्स तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह अब साइबर सुरक्षा के मोर्चे पर भी क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। Google द्वारा विकसित AI एजेंट ‘Big Sleep’ ने सुरक्षा के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल किया है। Google का दावा है कि यह एजेंट न सिर्फ साइबर अटैक की पहचान करता है, बल्कि हमले होने से पहले ही उसे निष्क्रिय कर देता है।
गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि “Big Sleep ने डेटाबेस इंजन SQLite में एक गंभीर खामी की पहचान की, जो लाखों यूजर्स के लिए खतरा बन सकती थी। लेकिन एजेंट ने इस कमजोर कड़ी को पहले ही पकड़ लिया और संभावित साइबर हमले को रोकने में कामयाब रहा।”
Big Sleep को Google की DeepMind और Project Zero टीम ने मिलकर विकसित किया है। इसका मुख्य काम सिस्टम में छिपी कमजोरियों की रियल-टाइम पहचान करना और तुरंत रेस्पॉन्स देना है। इस AI एजेंट की खूबी है कि यह हैकर्स से दो कदम आगे रहकर पहले ही खतरे को भांप लेता है और ऐक्टिव मोड में डिफेंस को ट्रिगर कर देता है।
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Big Sleep को पहली बार 2023 में पेश किया गया था, जबकि नवंबर 2024 में इसने पहली बार SQLite में सिक्योरिटी फ्लॉ पकड़ा था। यह सफलता AI के बढ़ते प्रभाव और उसकी क्षमता को दर्शाती है।
Big Sleep के अलावा, Google FACADE और डिजिटल फॉरेंसिक टूल TimeSketch जैसे अन्य AI आधारित डिफेंस टूल्स पर भी काम कर रहा है। कंपनी का मानना है कि आने वाले समय में मशीनें केवल सपोर्टिंग रोल में नहीं रहेंगी, बल्कि यह साइबर अटैक को रोकने में मुख्य भूमिका निभाएंगी।