Brain Chip Technology की खतरनाक इस्तेमाल। (सौ. AI)
Elon Musk Neuralink: टेस्ला और स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक (Neuralink) का पहला ब्रेन चिप वाला मरीज अब अपनी जिंदगी में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। लंबे समय से लकवाग्रस्त रहने के बाद, अब वह व्यवसाय शुरू करने की तैयारी में हैं।
Neuralink के पहले मरीज नोलन वर्ष 2016 में एक हादसे का शिकार हुए थे। तैराकी के दौरान हुई इस दुर्घटना में उनके कंधे के नीचे का पूरा शरीर पूरी तरह से लकवाग्रस्त हो गया था। इस हालत में नोलन अपनी सामान्य जिंदगी से दूर हो गए थे और वह पूरी तरह दूसरों पर निर्भर रहने लगे थे।
नोलन की स्थिति को देखते हुए Elon Musk की कंपनी ने उन्हें पहला ब्रेन चिप मरीज चुना। यह खास चिप उनके दिमाग से निकलने वाले इलेक्ट्रिकल सिग्नल को पढ़ती है और उन्हें कंप्यूटर या अन्य डिवाइस के कमांड में बदल देती है। कंपनी के अनुसार, “यह तकनीक मरीज को अपनी सोच के जरिए डिजिटल डिवाइस कंट्रोल करने की क्षमता देती है।”
ब्रेन चिप लगने के बाद अब नोलन की जिंदगी पूरी तरह बदल गई है। वह सिर्फ सोच के जरिए गेम खेल सकते हैं, टीवी चला सकते हैं और पढ़ाई भी कर सकते हैं। नोलन बताते हैं कि यह अनुभव उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। उन्होंने कहा, “पहले मैं पूरी तरह दूसरों पर निर्भर था, लेकिन अब मैं खुद बहुत से काम कर सकता हूं। यह मुझे आत्मनिर्भर बना रहा है।”
ये भी पढ़े: Airtel के किफायती रिचार्ज प्लान्स: 250 रुपये से कम में डेटा, कॉलिंग और OTT सब्सक्रिप्शन
अब नोलन सिर्फ डिजिटल दुनिया तक सीमित नहीं रहना चाहते। वह आने वाले समय में अपना खुद का व्यापार शुरू करने की योजना बना रहे हैं। यह न केवल उनकी जिंदगी में नई उम्मीद जगाता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि Neuralink की तकनीक मानव जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह प्रयोग और भी मरीजों पर सफल रहता है, तो यह तकनीक लकवाग्रस्त और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हजारों लोगों के लिए नई आशा की किरण साबित हो सकती है।