यूजर्स के लिए सरकार की नई सेवा। (सौ. AI)
Voter Aadhaar e-sign Feature: चुनाव आयोग (EC) ने ऑनलाइन वोटर ID सेवाओं को और सुरक्षित बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने, सुधार करने या नाम हटाने की प्रक्रिया के लिए आधार से जुड़े मोबाइल नंबर के जरिए वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए आयोग ने अपने ECINet पोर्टल और ऐप पर e-sign फीचर की सुविधा शुरू की है। यह बदलाव कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट पर हजारों फर्जी वोटर डिलीट करने के मामले के बाद लागू किया गया है।
e-sign एक ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर सेवा है जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) आधार नंबर के माध्यम से उपलब्ध कराता है। इसकी मदद से यूज़र्स किसी भी डॉक्यूमेंट पर डिजिटल सिग्नेचर कर सकते हैं। अब यही सुविधा वोटर आईडी में सुधार या डिलीशन के वेरिफिकेशन प्रोसेस में लागू की गई है।
पहले केवल वोटर आईडी (EPIC) नंबर लिंक कर फॉर्म सबमिट करना संभव था, जिससे गलत मोबाइल नंबर का उपयोग कर फर्जी आवेदन किए जा सकते थे। लेकिन अब e-sign फीचर के तहत आवेदनकर्ता को आधार नंबर दर्ज करना होगा। इसके बाद आधार से जुड़े मोबाइल पर OTP आएगा और सहमति देने के बाद ही फॉर्म सबमिट हो सकेगा। यह सुविधा Form 6 (नया रजिस्ट्रेशन), Form 7 (डिलीशन/ऑब्जेक्शन) और Form 8 (करेक्शन) पर लागू होगी। e-sign प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आवेदक को ECINet पोर्टल पर रीडायरेक्ट किया जाएगा।
कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट पर हाल ही में 6,018 वोटर डिलीशन रिक्वेस्ट सामने आईं, जिनमें से केवल 24 ही असली पाई गईं। बाकी सभी फर्जी थीं और OTP के लिए उपयोग किए गए मोबाइल नंबर असली वोटरों के नहीं थे। इस गंभीर मामले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 18 सितंबर को सवाल उठाए थे। इसी घटना के बाद EC ने सुरक्षा को मजबूत करने और वेरिफिकेशन प्रक्रिया को और कड़ा बनाने का निर्णय लिया।
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चुनाव आयोग का कहना है कि अब किसी भी मतदाता का नाम केवल ऑनलाइन प्रक्रिया से डिलीट नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए संबंधित बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) द्वारा फिजिकल वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। साथ ही हर मतदाता को अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया जाएगा।
इस साल की शुरुआत में लॉन्च हुआ ECINet करीब 40 पुराने ऐप्स और पोर्टल्स (जैसे ERONet) को एक जगह जोड़ता है। इसके माध्यम से मतदाता आसानी से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और अधिकारी उस पर कार्रवाई कर सकते हैं। अब इसमें जोड़ा गया e-sign फीचर पारदर्शिता और सुरक्षा को और मजबूत करेगा।