Drone को उड़ाने के लिए भारत में नियम बनाए गए है। (सौ. Freepik)
नवभारत डिजिटल डेस्क. दिवाली का त्यौहार आने वाला है। ऐसे में कई लोग रोशनी करने के साथ कुछ नया करने की भी सोचते हैं। जिसमें से ड्रोन उड़ाना भी एक चीज है। क्या आप दीपावली और धनतेरस के खास पल को और भी खास बनाने के लिए ड्रोन शूट करना चाहते हैं? तो इससे जुड़े कुछ नियम हैं, जो आपको मालूम होने चाहिए। ड्रोन उड़ाना कोई आसान बात नहीं है, इसके लिए कुछ नियम और कानून का भी पालन करना पड़ता है। अगर आप कुछ उल्लंघन करेंगे, तो आपको 1 लाख का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
ड्रोन शूटिंग करने से पहले आपको कुछ नियम और कानून के बारे में पता होना जरूरी है।
ड्रोन कार रजिस्ट्रेशन
भारत में ड्रोन उड़ने के लिए पहले उसका रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। इसके लिए आपको एक ऑनलाइन पोर्टल डिजिटल स्काई पर जाकर अप्लाई करना होता है।
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ड्रोन एक्नॉलेजमेंट नंबर
ड्रोन की रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक एक्नॉलेजमेंट नंबर दिया जाता है और यह नंबर आपको ड्रोन के साथ हमेशा रखना होगा। ड्रोन का यह यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है।
जियो फेसिंग
भारत के एयर स्पेस को तीन भागों में बांटा गया है: ग्रीन जोन, येलो जोन और रेड जोन। इन तीनों ही जोन में ड्रोन उड़ने के लिए अलग-अलग शर्तें होती हैं।
रिमोट पायलट लाइसेंस
ड्रोन उड़ाने के लिए आपके पास एक रिमोट पायलट लाइसेंस होना जरूरी है। यह लाइसेंस ट्रेनिंग पूरी करने और टेस्ट पास करने के बाद मिलता है।
ग्रीन जोन
इस एरिया की बात करें तो आप बिना अनुमति के ड्रोन यहां उड़ा सकते हैं, लेकिन कुछ सीमा तक। इस एरिया में आप 400 फीट या फिर 120 मीटर की ऊंचाई तक ड्रोन को उड़ा सकते हैं। इससे ज्यादा ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाने के लिए आपको अथॉरिटी की जरूरत होगी।
येलो जोन
यह एयरस्पेस में अगले स्तर पर आता है। अगर आप इस इलाके में ड्रोन उड़ाना चाहते हैं, तो आपको ट्रैफिक कंट्रोल अथॉरिटी से अनुमति लेनी होगी। किसी चालू एयरपोर्ट के 8 से 12 किलोमीटर के दायरे में आने वाले इलाके येलो जोन के अंदर आते हैं।
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रेड जोन
यह वह इलाके हैं जहां ड्रोन उड़ने पर कड़ी पाबंदी होती है। यह बेहद संवेदनशील इलाकों में आते हैं, जैसे मिलिट्री बेस। यहां पर ड्रोन उड़ाने के लिए केवल केंद्रीय सरकार की अनुमति लगती है।