सरकार ने निकाला क्या नियम। (सौ. Freepik)
Online Gaming Ban: सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि भारत का प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट, 2025 आगामी 1 अक्टूबर से लागू होगा। यह वही कानून है जिसने पिछले महीने ही लगभग 23 अरब डॉलर के ऑनलाइन मनी गेमिंग उद्योग पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट, 2023 के नियम भी तैयार हो चुके हैं, जिन्हें सरकार 28 सितंबर तक अधिसूचित कर देगी। दोनों कानून आने वाले दिनों में कड़े अनुपालन नियम लेकर आएंगे।
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस कानून को लागू करने से पहले सरकार ने ऑनलाइन मनी गेमिंग कंपनियों और बैंकों से कई दौर की चर्चा की। करीब तीन साल से लगातार उद्योग और मंत्रालय के बीच बातचीत चल रही थी। मंत्री के अनुसार, “नियम 1 अक्टूबर से लागू किए जाएंगे, लेकिन उससे पहले उद्योग के साथ एक और बैठक होगी। यदि कंपनियों को अतिरिक्त समय चाहिए तो सरकार उस पर विचार करेगी।”
सबसे अहम चिंता यूजर बैलेंस की वापसी को लेकर है। इसके लिए सरकार ने बैंकों और कंपनियों के साथ समाधान तैयार किया है ताकि निर्धारित समय में उपयोगकर्ताओं को उनका पैसा वापस मिल सके। अधिकारी ने साफ किया कि यह समस्या कानून लागू होने में बाधा नहीं बनेगी।
कानून के तहत अब सभी मनी-बेस्ड गेमिंग गतिविधियों, भुगतान, प्रमोशन और विज्ञापन पर पूरी तरह रोक रहेगी। उद्योग का दावा है कि इससे करीब 2 लाख नौकरियां खत्म होंगी और लगभग 400 कंपनियां बंद हो सकती हैं। हालांकि सरकार ने इन आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया कहा। मंत्रालय के अनुसार, इस क्षेत्र में सिर्फ 2,000 से थोड़ा अधिक कर्मचारी प्रत्यक्ष रूप से कार्यरत हैं।
घोषणा के बाद Dream11, Gameskraft, Games24x7, MPL और Baazi जैसी बड़ी कंपनियों ने अपने रियल-मनी गेमिंग ऑपरेशंस बंद करने शुरू कर दिए हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर लाखों यूजर्स एक्टिव रहते थे। वहीं, इस मामले से जुड़ी याचिकाओं को मध्य प्रदेश, कर्नाटक और दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है और अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। साथ ही, उद्योग को केंद्र द्वारा लगाए गए भारी टैक्स डिमांड पर भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है।
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डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 की नींव साल 2018 में रखी गई थी, जब इसे पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल के रूप में पेश किया गया था। न्यायमूर्ति बी.एन. श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाली समिति ने इसका मसौदा तैयार किया। कई संशोधनों और चर्चाओं के बाद इसे 3 अगस्त 2023 को संसद में पेश किया गया और 12 अगस्त 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली।
अब सरकार ने साफ कर दिया है कि पहले नियम अधिसूचित होंगे और उसके बाद एक विस्तृत FAQs गाइडलाइन जारी की जाएगी, ताकि कंपनियां और आम नागरिक आसानी से भारत के पहले प्राइवेसी कानून को समझ सकें। अधिकारी ने कहा कि सारी तैयारियां पूरी हैं और नियम 28 सितंबर तक जारी कर दिए जाएंगे।