DOT का फोन के नेटवर्क को लेकर कदम। (सौ. AI)
Telecom Companies: कॉल ड्रॉप और स्लो इंटरनेट की समस्या से अब आम लोगों को जल्द छुटकारा मिल सकता है। आए दिन सोशल मीडिया पर लोग खराब नेटवर्क को लेकर शिकायत करते हैं, कभी कॉल बार-बार कट जाती है तो कभी इंटरनेट की स्पीड इतनी धीमी हो जाती है कि जरूरी काम भी अटक जाते हैं। लेकिन अब यह परेशानी खत्म करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DOT) अब टेलीकॉम सेवाओं की गुणवत्ता से जुड़े नियमों को और कड़ा करने जा रहा है। विभाग ने इस मामले में सभी टेलीकॉम कंपनियों से राय मांगी है। जैसे-जैसे देश में टेलीकॉम सेवाओं का दायरा बढ़ा है, वैसे-वैसे शिकायतों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। इसमें सबसे बड़ी समस्या कॉल ड्रॉप और स्लो इंटरनेट स्पीड की है।
DOT ने फैसला किया है कि अब टेलीकॉम कंपनियों को हर राज्य के हिसाब से गुणवत्ता पैरामीटर का पालन करना होगा। इसका मतलब है कि पूरे देश में एक जैसे नियम लागू होने के बजाय हर क्षेत्र की समस्याओं के अनुसार सेवाओं का मूल्यांकन किया जाएगा। कंपनियों को सुनिश्चित करना होगा कि वे तय मानकों के अनुसार ही सेवा दें।
दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे हर महीने सेवा की गुणवत्ता से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपें। रिपोर्ट के आधार पर यह जांचा जाएगा कि नेटवर्क की स्थिति क्या है और किस क्षेत्र में सुधार की जरूरत है। खासतौर पर कॉल ड्रॉप और इंटरनेट स्पीड की समस्याओं को बारीकी से परखा जाएगा।
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टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI ने पहले ही सुझाव दिया था कि सेवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कड़े कदम उठाने जरूरी हैं। उसी के आधार पर DOT ने कंपनियों से राय मांगी है और 15 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है। इसके बाद रिपोर्ट का विश्लेषण कर कंपनियों को सुधार के लिए ठोस निर्देश दिए जाएंगे।
स्पष्ट है कि सरकार अब कॉल ड्रॉप और स्लो इंटरनेट जैसी समस्याओं पर समझौता नहीं करना चाहती। अगर यह नियम सख्ती से लागू हुए तो आने वाले समय में मोबाइल यूजर्स को बेहतर नेटवर्क और तेज इंटरनेट का फायदा मिल सकता है।