WhatsApp चैट से पकड़ी गई 250 करोड़ की बेनामी संपत्ति, सरकार ने कैसे किया बड़ा खुलासा? (सौ. Design)
नवभारत टेक डेस्क: देश में डिजिटल जांच की शक्ति बढ़ाने को लेकर सरकार लगातार कदम उठा रही है। हाल ही में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में खुलासा किया कि सरकारी एजेंसियों ने WhatsApp चैट और इंस्टाग्राम अकाउंट्स के जरिए 250 करोड़ रुपये की बेहिसाब संपत्ति का पता लगाया है। यह खबर सामने आते ही लोगों में सवाल उठने लगे कि क्या सरकार अब हमारी निजी चैट भी पढ़ सकती है? क्या सरकार एक नया कानून लाने जा रही है जिससे सभी के मैसेज मॉनिटर किए जा सकें? आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
वित्त मंत्री के मुताबिक, आयकर विभाग ने इंस्टाग्राम पोस्ट, व्हाट्सएप चैट और गूगल हिस्ट्री का विश्लेषण कर करोड़ों की बेनामी संपत्ति का पर्दाफाश किया।
WhatsApp चैट एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होती हैं, जिसका मतलब है कि कोई भी तीसरा व्यक्ति इन्हें पढ़ नहीं सकता। लेकिन, सरकार के पास यह अधिकार है कि वह किसी आपराधिक मामले में आरोपी के मोबाइल या लैपटॉप को जब्त कर जांच कर सके। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विराग गुप्ता के अनुसार:
वर्तमान में सरकार के पास डिजिटल जांच करने के लिए तीन प्रमुख कानून हैं:
सरकार इनकम टैक्स एक्ट 2025 में डिजिटल जांच से जुड़े कुछ सख्त प्रावधान जोड़ने जा रही है। लेकिन, इससे निजता के अधिकार (Right to Privacy) पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील आशीष कुमार पांडेय के अनुसार:
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वित्त मंत्री के अनुसार, नई डिजिटल निगरानी नीति पर संसद के मानसून सत्र (जुलाई-अगस्त 2025) में बहस होगी। अगर यह बिल पास होता है, तो सरकार को डिजिटल एसेट्स की जांच करने और डिजिटल डेटा एक्सेस करने का कानूनी अधिकार मिल जाएगा।
WhatsApp चैट और इंस्टाग्राम डेटा की जांच से 250 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति का खुलासा सरकार की डिजिटल जांच प्रक्रिया की बड़ी सफलता मानी जा रही है। हालांकि, इससे यह भी सवाल खड़ा होता है कि क्या नए डिजिटल कानून नागरिकों की निजता पर हमला करेंगे? यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार कैसे संतुलन बनाती है ताकि अपराधों की जांच हो, लेकिन आम लोगों की प्राइवेसी बनी रहे।