अमेरिका में लागू हुआ नया कानून। (सौ. Freepik)
America: अब अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना चाहता है, तो उसे पहले अपनी उम्र बतानी होगी। अमेरिका के मिसिसिपी राज्य में एज वेरिफिकेशन कानून (Age Verification Law) को लागू कर दिया गया है। अमेरिकी संघीय अदालत ने इस कानून को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद अब सोशल मीडिया कंपनियों को हर यूज़र की उम्र की पुष्टि करनी होगी।
मिसिसिपी में वर्ष 2024 में पारित किए गए इस कानून के अनुसार, कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बिना यूज़र की उम्र वेरिफाई किए उसे अकाउंट खोलने की अनुमति नहीं देगा। यह नियम सभी प्रमुख सोशल मीडिया साइट्स पर लागू होगा, जिससे बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है।
सरकार और पैरेंट्स का मानना है कि यह कानून बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बचाने के लिए बेहद अहम है। सोशल मीडिया के जरिए बच्चों में यौन शोषण, साइबर बुलिंग, अश्लील कंटेंट, वल्गर ट्रैफिकिंग और आत्महत्या के उकसावे जैसे मामलों में इज़ाफा हुआ है। विभिन्न रिसर्च में यह भी सामने आया है कि सोशल मीडिया का अधिक प्रयोग युवाओं में डिप्रेशन और एंग्जायटी को बढ़ावा दे रहा है।
हालांकि, पहले एक अदालत ने इस कानून को लागू करने पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब 5th सर्किट यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स की तीन जजों की पीठ ने उस रोक को हटा दिया है। अब यह कानून विधिक रूप से प्रभावी हो चुका है।
NetChoice नामक संगठन ने इस कानून के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की है। यह संगठन Google (YouTube), Meta (Facebook और Instagram), और Snap Inc. (Snapchat) जैसी बड़ी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। NetChoice का कहना है, “यह कानून यूज़र्स की प्राइवेसी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। बच्चों के लिए क्या सही है, यह सरकार नहीं बल्कि माता-पिता तय करें।”
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NetChoice पहले भी फ्लोरिडा, जॉर्जिया, ओहायो, उटाह और अर्कांसस जैसे राज्यों में ऐसे ही कानूनों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ चुका है। मिसिसिपी का नया कानून अब देशभर में इस मुद्दे पर नई बहस को जन्म दे रहा है।
एक ओर यह कानून बच्चों की डिजिटल सेफ्टी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, तो दूसरी ओर टेक कंपनियां इसे यूज़र की स्वतंत्रता पर अंकुश बता रही हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका के अन्य राज्य इस मॉडल को अपनाते हैं या नहीं।