भारतीय रेलवे का बड़ा कदम। (सौ. AI)
AI Face Recognition System: महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए भारत सरकार अब रेलवे स्टेशनों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) लगाने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि पहले चरण में देश के 7 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को इस हाईटेक निगरानी सिस्टम से लैस किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाना है।
सरकार की योजना के तहत पहले फेज में मुंबई CST और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को शामिल किया गया है। बाकी 5 स्टेशनों के नाम जल्द सामने लाए जाएंगे। इन जगहों पर उन्नत कैमरे और तकनीकी तंत्र लगाए जाएंगे जो संदिग्ध चेहरों को पहचानने में सक्षम होंगे।
महिला सुरक्षा के लिए Safe City Project पहले से ही 8 प्रमुख शहरों—दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद और लखनऊ—में लागू किया जा चुका है। इन शहरों में टेक्नोलॉजी आधारित निगरानी पहले ही शुरू हो चुकी है।
गृह मंत्रालय के अनुसार, इस हाईटेक योजना में शामिल होंगी ये सुविधाएं:
यह सभी तकनीकें अपराधियों की पहचान और निगरानी के लिए संयुक्त रूप से कार्य करेंगी।
499 रेलवे स्टेशनों पर पहले से IERMS (Integrated Emergency Response Management System) एक्टिव है। इसके अलावा कोंकण रेलवे ने 67 स्टेशनों पर 740 CCTV कैमरे स्थापित किए हैं। अब अगले चरण में AI आधारित FRS सिस्टम को भी शामिल किया जा रहा है।
सीनियर एडवोकेट महालक्ष्मी पवनी ने कोर्ट में बताया कि “2018 में महिलाओं के खिलाफ 58.8 लाख मामले दर्ज हुए थे, जो 2022 में बढ़कर 66.4 लाख हो गए। 2022 में 23.66 लाख केस कोर्ट में पेंडिंग थे, लेकिन सजा सिर्फ 38,136 मामलों में ही हो पाई।”
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महिलाओं की सुरक्षा और अपराधियों की पहचान के लिए सरकार ने कई डिजिटल प्लेटफॉर्म और टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
हालांकि अभी तक इनका व्यापक प्रभाव नहीं देखा गया है, लेकिन फेस रिकॉग्निशन जैसी तकनीकों के आने से बदलाव की उम्मीद है।