AI powered human robot (सौ. Freepik)
AI Human Robot. भारत में लगातार AI powered human robot के इस्तेमाल करने का दायरा बढ़ता जा रहा है। वहीं कुछ सालों से देश के अदंर कई कंपनियां मानव रोबोट को बनाने में अपनी रुचि दिखा रही है। जिससे उन्हें स्वास्थ्य, मनोरंजन, अंतरिक्ष जैसी कई चीजों के बारे में जानकारी हासिल की हो सके। वहीं अब तक की स्थित को देखने के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि समय के साथ ये रोबोट और भी बेहतर होते जाएगें। आज के समय को देखा जाए तो अभी देश में मानव, शालू, इरा, राडा, मित्रा, रोबोकॉप और रश्मि जैसे मानव रोबोट पहले से मौजूद हैं।
इन सभी स्थिती को देखने के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में इसके विस्तार से रोबोटिक्स उद्योग को बढ़ावा मिलने की पूरी उम्मीद है। देश में मौजूद कुछ मानव रोबोट के होनो के बाद के फायदों पर नजर डाले तो इसमें बेंगलुरु स्थित मित्रा रोबोट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ बालाजी विश्वनाथन ने बताया कि रोबोट के क्षेत्र में प्रमुख चुनौतियां सुरक्षा और बड़ी आबादी को संचालित करने की है।
ये भी पढ़े: TECNO ने लॉन्च किया नया फोन! कीमत और फीचर्स जान विश लिस्ट में करें शामिल
इसके अलावा अहमदाबाद में कंपनी ने स्कंद, मित्र और मित्रा नाम से एआई संचालित ह्यूमनॉइड रोबोट का निर्माण किया है, जो लोगों की मदद करते हैं। विश्वनाथन ने बताया कि अमेरिका और सिंगापुर में 50 रोबोट पर काम चल रहा है। साथ ही अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने भी व्योममित्र रोबोट का निर्माण किया है, जो इस साल अंतरिक्ष में जाएगा
समय और रोबोट में लोगों की रुचि को देखने के बाद ये अनुमान लगाया जा रहा है कि 2032 तक रोबो बाजार 138.9 अरब हो सकता है। जिसमें मित्रा, शालू, अनुष्का जैसे रोबोट का पहले ही निर्माण हो चुका है और आने वाले समय में रोबोटिक्स उद्योग में तेजी से वृद्धि हो ने वाली है।
ये भी पढ़े: नहीं आती English तो ना हो परेशान, एक सेटिंग से हिंदी में होगा WhatsApp
मार्केट कंपनी ब्रेनी इनसाइड्स के अनुसार, 2023 में AI Human Robot का बाजार 1.38 अरब डॉलर था और इसके अगले आठ साल में 138 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। रोबोट का इस्तेमाल हर क्षेत्र जैसे स्वास्थ्य सेवा, उत्पाद में सुधार, अंतरिक्ष, पानी के अंदर जांच जैसे कार्यों में हो रहा है।
रोबोटिक्स के अनुसार रोबोट को इंसानी गतिविधियों के लिए अधिक शक्ति की जरूरत होती है, लेकिन अभी प्रौद्योगिकियों को लिथियम-आयन बैटरी को वितरित करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही निर्माण लागत भी कंपनियों के लिए चुनौती का विषय बनी हुई है।
यूपी के केआईटी छात्रों ने रोबोट बनाया है। यह 60 भाषाओं को समझती है और 50 से अधिक इशारों पर जवाब देती है। कुल लागत 2.5 लाख है।
अनुष्का (सौ. सोशल मीडिया)
इन्वेंटो रोबोटिक्स का बना रोबोट ग्राहकों से बात करता है। अस्पताल और कार्यस्थल पर काम देखता है। बैंक, होटल, मॉल में इस्तेमाल हो सकता है।
मित्रा (सौ. सोशल मीडिया)
ये भी पढ़े: Jio देगा फ्री Netflix Plan, 3GB डेटा का रोज कर सकेंगे उपभोग
यह भारत का पहला थी डी ह्यूमनॉयड रोबोट है, जो 60 सेंटीमीटर लंबा है। यह कूदने, गाने पर थिरकने और फुटबॉल खेलने में सक्षम है।
मानव (सौ. सोशल मीडिया)
इस रोबोट को आईआईटी बॉम्बे के शिक्षक ने बनाया है। यह 47 भाषाएं बोलने में सक्षम है। यह छात्रों को पढ़ाने का काम भी करती है
शालू (सौ. सोशल मीडिया)