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बिहार शरीफ: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में जहरीली शराब पीने से सात और व्यक्तियों की मौत हो जाने से इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। बिहार पूर्णशराबबंदी वाला राज्य है। नालंदा के पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा के अनुसार संबंधित थाने सोहसराय के थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है और आठ मृतकों के शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘शनिवार तड़के चार लोगों की मौत हुई जबकि शाम को इतनी ही मौतें हुईं। आज सुबह तीन और लोगों की मौत हुई।”
पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘सभी मौतें नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ शहर के छोटी पहाड़ी और पहाड़ी तल्ली इलाकों में हुई हैं।” उन्होंने कहा कि रविवार सुबह दम तोड़ने वाले तीन व्यक्तियों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। मृतकों के परिजनों का आरोप है कि इन लोगों ने शुक्रवार रात शराब का सेवन किया था। बिहार में अप्रैल 2016 से शराब की बिक्री और सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यह घटना जहरीली शराब के सेवन से उत्तरी बिहार के चार जिलों में 40 से अधिक लोगों की मौत के करीब दो महीने बाद हुई है।
Bihar | 11 deaths have been confirmed so far, although the post-mortem reports have not come yet. On the basis of doctors' reports, it seems that all deaths took place due to the consumption of alcohol. A total of 34 people have been arrested so far: Shashank Subhankar,DM Nalanda https://t.co/9VHxNy6Tjq pic.twitter.com/6KaaNbrg6k — ANI (@ANI) January 16, 2022
इस बीच बिहार में सत्ताधारी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘नालंदा जिले में जहरीली शराब से 11 मौतें हो चुकी हैं। परसों मुझसे जहरीली शराब पर जदयू प्रवक्ता ने प्रश्न पूछा था। आज मेरा प्रश्न उस दल से है कि क्या इन 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा क्योंकि अगर कोई जाकर उनके यहां सांत्वना देता तो आपके लिए अपराध है।”
उन्होंने कहा, ‘‘अगर शराबबंदी लागू करना है तो सबसे पहले नालंदा प्रशासन द्वारा गलत बयान देने वाले उस बड़े अफसर की गिरफ्तारी होनी चाहिए क्योंकि प्रशासन का काम जिला चलाना होता है ना कि जहरीली शराब से मृत व्यक्तियों को अजीबोगरीब बीमारी से मरने का कारण बताना।”
जायसवाल ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यह साफ बताता है कि प्रशासन स्वयं शराब माफिया से मिला हुआ है और उनकी करतूतों को छुपाने का काम कर रहा है। शराब माफिया जो शराब की बिक्री विभिन्न स्थानों पर करवाता है उनके बारे में पुलिस कर्मियों से पुलिसिया ढंग से पूछताछ की जाए तो उस माफिया का नाम भी सामने आ जाएगा। शराब बेचने वाले और पीने वाले दोनों को सजा अवश्य होनी चाहिए। इस बुराई को जड़ से खत्म करना है तो प्रशासन, पुलिस और माफिया की तिकड़ी को समाप्त करना होगा।”