लखनऊ: हमारे धर्मस्थल हमारे आस्था के प्रतीक होते हैं, ये राष्ट्रधर्म के भी प्रतीक हैं। जब हम भारत के धर्मस्थल की बात करते हैं तो देवस्थल एकात्मकता के प्रतीक होते हैं। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने हनुमंत धाम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर कहीं। उन्होंने इस अवसर पर 108 फीट की ऊंची हनुमान जी मूर्ति का शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि केरल (Kerala) में जन्म लेने वाले आदि शंकराचार्य (Adi Shankaracharya) ने देश में चार पीठ की स्थापना की। ये चारों पीठ आज केवल आस्था के केंद्रबिंदु नहीं, बल्कि ये भारत की एकात्मकता के भी प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देवमन्दिर लोककल्याण के माध्यम हैं। यहां आने वाले लोग यहां पूजा कर सकते हैं, उससे बिना जाति पूछे उसे प्रसाद भंडारे मिल जाता है। उन्होंने कहा कि अन्नदान महादान कहा जाता है ऐसे में कोई भूखा नही़ं रह सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महामारी में मौत तो होती ही हैं, लेकिन महामारी के बाद भुखमरी के कारण उसके विपरित प्रभाव देखने को मिलते हैं। सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना काल खंड में ऐसा पहली बार हुआ कि इतनी बड़ी महामारी में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भुखमरी का कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ भारत ने एक मजबूत लड़ाई लड़ी है। देश और देशवासियों ने बेहतर कोविड प्रबंधन से दुनिया के सामने एक नजीर पेश की। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में खाद्य सुरक्षा की गारंटी धर्मस्थल ही करते थे। कोई भी भूखा रहे उसे दो जून की रोटी यहां पर जरूर मिलती थी।
लखनऊ में हनुमंत धाम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होते #UPCM @myogiadityanath https://t.co/eanuAQvdKq
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) July 6, 2022
उन्होंने कहा कि गोमती के लिए भी हमारा प्रयास होना चाहिए कि इसकी अविरलता बनी रहे। इसके लिए एकजुटता के साथ निरंतर प्रयासरत रहना होगा। उन्होंने कहा कि कोई भी कूड़ा इसमें न जाए, इसके लिए मंदिर प्रबंधन जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर कार्य करें।