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प्रिया पांडे@नवभारत
मुंबई: ट्रेनों में अनधिकृत फेरीवालों (Hawkers) की समस्या से निपटने के लिए मध्य रेलवे (Central Railway) के मुंबई (Mumbai) डिवीजन ने मेल/एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों के साथ-साथ उपनगरीय ट्रेनों (Local Trains) में वेंडिंग अवसरों के लिए दो महत्वपूर्ण ई-नीलामी की घोषणा की है। पहली ई-नीलामी (Tender) में मेल/एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों की सभी श्रेणियों में खाद्य और गैर-खाद्य वस्तुओं को छोड़कर, विभिन्न विविध वस्तुओं की वेंडिंग शामिल है। लेकिन महानगरी एक्सप्रेस, राजधानी, दुरंतो और अन्य प्रीमियम ट्रेनों को इस पहल से बाहर रखा गया है। दूसरी ई-नीलामी उपनगरीय ट्रेनों की सभी श्रेणियों में खाद्य और गैर-खाद्य वस्तुओं वस्तुओं की वेंडिंग पर केंद्रित है। जिसमें एसी और नॉन-एसी लोकल और माथेरान टॉय ट्रेनों सहित यात्री ट्रेनें शामिल हैं। विक्रेताओं की संख्या निर्धारित करके डिवीजन सीमा के भीतर काम करने की अनुमति दी जाएगी। सभी मेल/एक्सप्रेस और यात्री ट्रेनों के लिए, अधिकतम 500 विक्रेता निर्धारित किये गए हैं, जबकि सभी उपनगरीय ट्रेनों के लिए प्रभावशाली 1500 विक्रेता है।
फेरीवालों को सामान बेचने का दिया गया मौका
मिली जानकारी के अनुसार, लाइसेंसधारक को गैर-कंसुमेबल वस्तुएं जैसे की यात्रा-संबंधित उत्पाद, मोबाइल/लैपटॉप सहायक उपकरण, स्टेशनरी, समाचार पत्र/पत्रिकाएं/किताबें आदि बेचने का अवसर मिलेगा। इसके अतिरिक्त पैक किए गए भोजन सहित, पेय पदार्थ, स्नैक आइटम, और पहले से कटी और छिली हुई कच्ची सब्जियां और फल भी उपनगरीय ट्रेनों में विशेष रूप से कंसुमेंबल वस्तुओं की अनुमति है।
28 नवंबर को खुलेगी ई-नीलामी
ई-नीलामी 28 नवंबर 2023 को उपनगरीय और गैर-उपनगरीय दोनों ट्रेनों के लिए अलग-अलग खुलने वाली है। ई-नीलामी के बारे में विस्तृत जानकारी www.ireps.gov.in पर पाई जा सकती है, जो संभावित विक्रेताओं को एक व्यापक जानकारी प्रदान करेगी। मध्य रेलवे के मुंबई डिवीजन का यह कदम, हलचल भरे ट्रेन नेटवर्क में वैध वेंडिंग अवसरों के लिए नए रास्ते खोलते हुए अनधिकृत फेरीवालों को संबोधित करने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण का प्रतीक है।
पहल शुरू होने से पहले उठे सवाल ?
हॉकरों को रेगुलराइज करने के मध्य रेल की इस पहल पर यात्रियों और इससे जुड़े संगठनों ने आशंका जताई है और पूछा है कि इनसे खरीदे सामानों का इस्तेमाल करने के बाद उसे डिस्पोज कहां किया जाएगा।इनके द्वारा खरीदे गए खाद्य पदार्थों को खाने के बाद उसके डिब्बे को लोग ट्रैक या ट्रेन में ही फेंक कर गंदगी करेंगे। इसके अलावा, इनके द्वारा बेचे जाने वाले आइटम्स की ओवर चार्जिंग होगी, इसकी भी पूरी संभावना है। जबकि प्लेटफार्म स्थित स्टालों पर मार्केट वैल्यू से 40 प्रतिशत सस्ती और सब्सिडाइज्ड रेट पर सामान बेचे जाते हैं। इसके अलावा, स्टालों पर यात्रियों को मुफ्त में पानी देने की भी सुविधा उपलब्ध है। प्रतिदिन कल्याण से सीएसएमटी सफर करने वाले एक यात्री ने पूछा कि जिन लोकल ट्रेनों में आदमी को खड़े होने की जगह नहीं मिलती है, उसमें ये हॉकर कैसे अपना काम कर पाएंगे और अगर कोई यात्री बिल मांगता है तो वे इसे कैसे देंगे। वैसे भी नकली बैच या बिल्ला लगाकर सामान बेचने वालों की भी समस्या आ सकती है।