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जनसंख्या नियंत्रण के साथ जनसांख्यकीय संतुलन का भी रखें ख्याल: सीएम योगी आदित्यनाथ

  • By अमन दुबे
Updated On: Jul 11, 2022 | 03:05 PM
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लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) की कोशिशों के साथ-साथ जनसांख्यकीय संतुलन (Demographic Balance) बनाए रखने की जरूरत बताई है। विश्व जनसंख्या दिवस (Population Day) के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बात परिवार नियोजन की हो, जनसंख्या स्थिरीकरण (Population Stabilization) की हो तो हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि जनसंख्या नियंत्रण के प्रयास सफलतापूर्वक जरूर हों, लेकिन कहीं भी जनसांख्यकीय असंतुलन की स्थिति न पैदा होने पाए। ऐसा न हो कि किसी एक वर्ग की आबादी बढ़ने की स्पीड ज्यादा हो और जो मूल निवासी हों, उन पर जनसंख्या स्थिरीकरण की कोशिशों से, इंफोर्समेंट से और जागरुकता प्रयासों से उनकी आबादी को नियंत्रित कर दिया जाए। सीएम ने कहा कि जिन देशों की जनसंख्या ज्यादा होती है। वहां जनसांख्यकीय असंतुलन चिंता का विषय बनता है। क्योंकि रिलिजियस डेमोग्राफी पर विपरीत असर पड़ता है तो एक समय के बाद वहां अव्यवस्था, अराजकता जन्म लेने लगती है। इसलिए जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयासों से सभी मत मजहब, वर्ग, सम्प्रदाय पर एक समान रूप से जोड़ा जाना चाहिए। वहीं, मातृ-शिशु मृत्यु दर के आंकड़े साझा करते हुए उन्होंने कहा कि मैटरनल एनीमिया, मातृ, शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने की कोशिशों के बीच हमारे सामने एक और चुनौती होती है। एक वर्ग विशेष में मातृ और शिशु मृत्यु दर दोनों ही ज्यादा है। अगर दो बच्चों के जन्म के बीच अन्तराल कम है तो इसका खमियाजा मातृ और शिशु मृत्यु दर पर भी पड़ेगा और इसकी कीमत समाज को भी चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा जनसंख्या स्थिरीकरण के कार्य में आशा बहनें, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, शिक्षक गण, त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधि महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। धर्मगुरुओं का भी सहयोग लिया जाना चाहिए। इसमें सामूहिक प्रयास से ही सफलता मिलेगी।

विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर आयोजित इस कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री ने पर जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा की शुरुआत करते हुए एक जागरूकता रैली का फ्लैग ऑफ किया। उन्होंने नवदम्पतियों को शगुन किट भेंट किया साथ ही, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर टेलिकन्सल्टेशन के माध्यम से परिवार नियोजन सेवाओं की औपचारिक शुरुआत भी की। 

विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर लखनऊ में 'जनसंख्या स्थिरता पाखवाड़ा' का शुभारंभ… https://t.co/edMRXuyG2z

— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) July 11, 2022

100 करोड़ होने में लगे लाखों साल, 183 साल में बढ़ गए 400 करोड़

मुख्यमंत्री आवास पर हुए इस कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण के बारे में व्यापक जागरूकता कार्यक्रम विगत 05 दशकों से चल रहे हैं। इसके अच्छे परिणाम मिले हैं। उन्होंने कहा कि एक निश्चित जनसंख्या वृद्धि दर का होना उपलब्धि है। विशाल जनसंख्या एक संसाधन भी है। लेकिन यह उपलब्धि तभी है, जब लोग स्वस्थ हों, आरोग्य हों। जहां चिकित्सकीय संसाधनों का अभाव हो, बीमारियां हों, वहां जनसंख्या की अबाध बढ़ोतरी बड़ी चुनौती है। विश्व जनसंख्या दिवस इसी चुनौती का अनुभव कराता है। मानव को 100 करोड़ तक होने में लाखों वर्ष लगे लेकिन 100 से 500 करोड़ होने में 183-185 वर्ष ही लगे। इस वर्ष के अंत तक विश्व की आबादी 800 करोड़ होने की संभावना है। आज का भारत 135-140 करोड़ जनसंख्या का देश है। उत्तर प्रदेश सबसे अधिक आबादी का राज्य है। यहां अभी 24 करोड़ की आबादी है, जो कि कुछ ही समय में 25 करोड़ की संख्या को पार कर जाएगी। यह स्पीड एक चुनौती है। हमें इसके नियंत्रण/स्थिरीकरण के लिए प्रयास करना होगा। अंतर्विभागीय समन्वय पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण में जागरूकता का सबसे अधिक महत्व है। यह जागरुकता केवल स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी ही नहीं है। नगर विकास, ग्राम्य विकास, शिक्षा आदि विभागों को भी इससे जुड़ना होगा। हमने मस्तिष्क ज्वर के नियंत्रण में अंतर्विभागीय समन्वय के महत्व को देखा है। आज इस बीमारी से बच्चों की मृत्यु को 95% तक नियंत्रित किया जा चुका है। इसी प्रकार जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए भी काम करना होगा।

आंकड़े दिए, कहा तेज करना होगा प्रयास

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने बीते 05 वर्ष में बेहतरीन परिणाम दिए हैं। मैटरनल एनीमिया में आज यह 51.1% से घटकर 45.9% रह गया है। 05 वर्ष में फुल इम्यूनाइजेशन 51.1% से बढकर लगभग 70% तक पहुंच गया है। संस्थागत प्रसव की दर जो पहले 67-68% थी, वह आज 84% की ओर जा रहा है। मातृ-शिशु मृत्यु दर को नियन्त्रित करने की कोशिशों के अच्छे परिणाम मिले हैं। अंतर विभागीय समन्वय और जागरूकता की कोशिशों से प्रदेश अपने लक्ष्यों में निश्चित ही सफल होगा।

… जनसंख्या स्थिरीकरण की बात करें तो जाति, मत-मजहब, क्षेत्र, भाषा से ऊपर उठकर समाज में समान रूप से जागरूकता के व्यापक कार्यक्रम के साथ जुड़ने की आवश्यकता है। pic.twitter.com/vq65v52u03

— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) July 11, 2022

नवदम्पतियों को दिए शगुन किट, टेलीकन्सल्टेशन सेवा का लिया जायजा

कार्यक्रम में नवविवाहित जोड़ों को परिवार नियोजन के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री द्वारा नव दंपत्तियों को शगुन किट प्रदान किया गया। जूट बैग से बने शगुन किट में कई जरूरी सामग्री शामिल है। इसमें तौलिया, दो सेट रुमाल, कंघी, ऐनक, इत्र, जानकारी कार्ड, आशा और एएनएम के मोबाइल नम्बर, विवाह पंजीकरण फॉर्म, कॉन्डम किट, गर्भ निरोधक गोलियां, गर्भ जांच किट, इमरजेंसी कंट्रासेप्टिव पिल्स रखी गई है, साथ ही एक बधाई पत्र, जिसमें परिवार नियोजन के फायदों के बारे में उल्लेख किया गया है, किट में शामिल है। वहीं चित्रकूट में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टेलीकन्सल्टेशन सेवा का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर से कार्यप्रणाली की जानकारी भी ली।

जागरूकता से ही होगा सुधार: डिप्टी सीएम

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या से उपजी चुनौतियों की चर्चा करते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं किंतु उपभोग करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। संतुलन बनाये रखने के लिए यह जरूरी है कि जनसंख्या स्थिरीकरण के ठोस प्रयास हों। उन्होंने जनसंख्या दिवस के महत्व और इस बाबत राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों/आशा, एएनएम बहनों से कहा कि वह लोगों को जनसंख्या स्थिरीकरण के महत्व की जानकारी जरूर दें।

Along with population control also take care of demographic balance cm yogi adityanath

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Published On: Jul 11, 2022 | 03:05 PM

Topics:  

  • Chief Minister Yogi Adityanath
  • Lucknow
  • Population Control
  • Uttar Pradesh

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