भारतीय बॉक्सर (फोटो-सोशल मीडिया)
Indian Boxing In 2025: साल 2025 भारतीय बॉक्सिंग के लिए ऐतिहासिक और गौरवशाली साबित हुआ। इस साल पुरुष और महिला दोनों वर्गों के मुक्केबाजों ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का नाम रोशन किया और भारतीय बॉक्सिंग की ताकत को वैश्विक स्तर पर दिखाया। विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप और विश्व बॉक्सिंग कप फाइनल्स में भारतीय मुक्केबाजों का प्रदर्शन असाधारण रहा, जिसने देशभर के खेल प्रेमियों के दिलों में गर्व का भाव भर दिया।
सितंबर 2025 में लिवरपूल में आयोजित विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारतीय महिलाओं का प्रदर्शन शानदार रहा। इस टूर्नामेंट में भारत ने कुल चार पदक जीते। जिनमें दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य शामिल हैं। 57 किग्रा वर्ग में जस्मिन लांबोरिया ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। वहीं, 48 किग्रा वर्ग में मिनाक्षी हुडा ने स्वर्ण पदक जीता। भारी वर्ग में नुपुर शेरॉन ने 80+ किग्रा में रजत पदक और पूजा रानी ने 80 किग्रा में कांस्य पदक हासिल किया। इन मुक्केबाजों के प्रदर्शन ने साबित किया कि भारतीय महिला मुक्केबाजों की ताकत अब किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में कम नहीं है।
नवंबर 2025 में ग्रेटर नोएडा में आयोजित विश्व मुक्केबाजी कप फाइनल्स में भारत ने मेडल तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया। भारतीय टीम ने कुल 20 पदक जीते, जिनमें 9 स्वर्ण, 6 रजत और 5 कांस्य शामिल हैं। महिलाओं ने इसमें सात स्वर्ण पदक जीते, जो एक रिकॉर्ड साबित हुआ। टूर्नामेंट में नुपुर शेरॉन, मिनाक्षी और जस्मिन जैसे मुक्केबाजों ने फिर से अपना प्रभावशाली प्रदर्शन दिखाया। पुरुष वर्ग में भी भारतीय मुक्केबाजों ने दमदार प्रदर्शन कर देश का मान बढ़ाया।
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भारतीय मुक्केबाजों के यादगार प्रदर्शन में बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का योगदान महत्वपूर्ण रहा। फेडरेशन ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों के ट्रेनिंग कैंप्स, तकनीकी मार्गदर्शन और स्पोर्ट्स साइंस को मजबूत किया। ग्रामीण क्षेत्रों से उभरती प्रतिभाओं को अवसर दिया गया, जिससे नए मुक्केबाजों को अपने हुनर को दिखाने का मौका मिला। 2025 में जो तैयारी की गई, उसका प्रभाव आने वाले एशियन गेम्स और 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में साफ़ दिखाई देगा।
इस साल का प्रदर्शन न केवल भारतीय बॉक्सिंग के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह खेल के उज्जवल भविष्य का संकेत भी देता है। खासकर महिला मुक्केबाजों ने अपने दमदार प्रदर्शन से साबित किया है कि मैरी कॉम और निकहत जरीन जैसी महान मुक्केबाजों की विरासत भारतीय खेल जगत में आगे बढ़ती रहेगी।