विम्बलडन (सौजन्यः सोशल मीडिया)
लंदन: 147 साल पुराने टेनिस टूर्नामेंट विम्बलडन का आज यानी 1 जुलाई से शुरुआत हो रही है। यह इस ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट का 137वां संस्करण है। यह टूर्नामेंट टेनिस का सबसे पुराना टूर्नामेंट है। 2 विश्व युद्ध और 2020 में कोरोना महामारी के दौरान ही विम्बलडन का आयोजन नहीं हुआ था। यह टेनिस के चार ग्रैंड स्लैम में सबसे प्रतिष्ठित भी है।
दरअसल, टेनिस में 4 ग्रैंड स्लैम का आयोजन होता है। यह चारों ग्रैंड स्लैम हर साल खेले जाते हैं। जिसकी शुरुआत जनवरी में ऑस्ट्रेलियन ओपन से होती है। उसके बाद मई और जून में फ्रेंच ओपन खेला जाता है। फिर जुलाई में विम्बलडन और अगस्त-सितंबर में US ओपन का आयोजन होता है। साल का आखिरी ग्रैंड स्लैम US ओपन होता है। तो चलिए जानते विम्बलडन का इतिहास…
विम्बलडन का आयोजन ऑल इंग्लैंड क्लब करता है। यह इकलौता ऐसा ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट है, जो कोई नेशनल टेनिस एसोसिएशन नहीं करता है। ऑल इंग्लैंड क्लब की स्थापना साल 1868 में हुई थी। टेनिस को पहले क्रॉकेट कहा जाता है। 6 लोगों ने मिल कर ऑल इंग्लैंड टेनिस और क्रॉकेट क्लब की शुरुआत की थी। जिसके बाद आगे जाकर 1877 में विम्बलडन टूर्नामेंट की शुरुआत हुई। आज के समय में यह प्राइवेट क्लब है, जिसमें अब 500 मेंबर हैं। प्रिंसेस ऑफ वेल्स इस क्लब की मालकिन रही हैं, लेकिन अब इस समय कैथरीन एलिजाबेथ मिडिलटन इसकी मालकिन हैं।
ड्रेस कोड की परंपरा
विम्बलडन टूर्नामेंट की एक खास बात यह है कि यह अपने ड्रेस कोड की परंपरा का सख्ती से पालन करता है। यहां तमाम खिलाड़ी और इससे जुड़े अधिकारियों को पूरे सफेद कपड़ों और जूतों में ही शामिल होने की इजाजत है।
स्ट्रॉबेरी और क्रीम खाया जा
विम्बलडन टूर्नामेंट में पारंपरिक रूप से यहां स्ट्रॉबेरी और क्रीम खाया जाता है। साथ ही दर्शकों को इसके अलावा ब्रिटिश वाइन सर्व किए जाने की परंपरा है। यह परंपरा भी इस टूर्नामेंट को खास बनाता है।
रोलेक्स का प्रचार
इस टूर्नामेंट की एक और खासियत या है कि कोर्ट पर रोलेक्स के अलावा किसी दूसरे स्पॉन्सर के प्रचार नहीं हो सकता। रोलेक्स मैच के दौरान टाइम से जुड़ी तकनीक को संभालती है। इसके अलावा ब्रांड के तौर पर कोर्ट पर रॉबिन्सन्स पानी की बोतलें नजर आती हैं।
नहीं बदली ट्रॉफी, चैंपियन को सौंपते हैं नकल
विम्बलडन में 1887 से पुरुष सिंगल के विजेता को ट्रॉफी दी जा रही है। पुरुष चैंपियन को 18.5 इंच लंबा और 7.5 इंच चौड़ा कप मिलता है। लेकिन ये असल ट्रॉफी नहीं है। चैंपियन बनने वाले खिलाड़ी को ट्रॉफी की नकल सौंपी जाती है। टूर्नामेंट की असली ट्रॉफी ऑल इंग्लैंड क्लब के म्यूजियम में ही रखी जाती है।
वहीं महिला सिंगल्स की चैंपियन को स्टर्लिंग सिल्वर साल्वर दी जाती है। इस पर देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। जबकि डबल्स इवेंट जीतने वाले प्लेयर्स को सिल्वर कप दिया जाता है।
शाही परिवार का सम्मान
पहले खिलाड़ियों को सेंटर कोर्ट में आते और कोर्ट छोड़ते समय रॉयल बॉक्स में बैठे शाही परिवार के सम्मान में सिर झुकना पड़ता है। 2003 में ऑल इंग्लैंड क्लब के अध्यक्ष उनकी शाही महारानी ड्यूक ऑफ केंट ने इस परंपरा को बंद करने का फैसला लिया। जिसके बाद में अब खिलाड़ी तभी सिर झुकते हैं, जब वेल्स के राजकुमार या महारानी उपस्थित हों। ऐसा 2010 में हुआ, जब 24 जून को विम्बलडन में महारानी खुद आई थीं।